Buddha purnima 2023: कल मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानें, स्नान, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
वाराणसी (रणभेरी): हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद खास और शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से बाहर निकली थी। वैसाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। स्कंद पुराण की मानें तो महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के नवे अवतार माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. माना जाता है कि इस दिन किया गया दान और स्नान पुण्य लाभ देता है। बुद्ध पूर्णिमा पर शुक्रवार को महात्मा बुद्ध की 2667 वीं जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु व उपासक मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन करेंगे। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु धमेख स्तूप के समक्ष विश्व शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। भिक्षु सुमितानंद के नेतृत्व में धर्म चक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ किया जाएगा। साथ ही मूलगंधकुटी विहार स्थित बौद्ध मंदिर परिसर को 2667 दीपों से प्रज्वलित किया जाएगा। बुद्ध विहार कार्यालय के सामने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक भोजन दान किया जाएगा। इसमें सारनाथ में आने वाले पर्यटक व आगंतुक भोजन करेंगे।
बुद्ध पूर्णिमा 2023 तिथि
हिंदू पंचांग की मानें तो वैसाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 मई दिन गुरुवार को रात 11:44 से प्रारंभ होगी और दूसरे दिन 5 मई शुक्रवार रात 11:30 पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 5 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा और भगवान गौतम बुद्ध की पूजा का विधान है।
वैसाख पूर्णिमा 2023 मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैसाख पूर्णिमा की तिथि शुक्रवार 4 मई को 11:44 से शुरू होकर अगले दिन 5 मई 2023 को रात 11:30 पर समाप्त होगी। इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा।
स्नान मुहूर्त – सुबह 04.12 – सुबह 04.55
सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39
कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त – शाम 04.18 – शाम 06.59