स्मार्ट सिटी में लगे हेरिटेज लाइट की बत्ती गुल

स्मार्ट सिटी में लगे हेरिटेज लाइट की बत्ती गुल

शाम होते ही छा जाता है अंधेरा, बढ़ा अपराधिक घटनाओं का खतरा 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां की गलियों में चलते हुए आपको हैरिटेज लाइट्स का आकर्षण देखने को मिलता है। लेकिन अब नगर निगम की ओर से इन लाइट्स के स्थान पर एलईडी बल्ब लगाने की प्रक्रिया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में शहर की स्थिति यह है की स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं। शाम होते ही शहर के कई इलाकों में अंधेरा छा जाता है, जिससे न केवल आम नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बल्कि सुरक्षा का सवाल भी उठता है। इस समस्या को नजरअंदाज करते हुए नगर निगम ने हैरिटेज लाइट्स को हटाकर एलईडी बल्ब लगाने का निर्णय लिया है, जो कि न केवल धरोहर के लिए एक नुकसान है, बल्कि इसके पीछे की प्रबंधन प्रणाली पर भी सवाल उठाता है। हैरिटेज लाइट्स न केवल शहर की खूबसूरती को बढ़ाती हैं, बल्कि यह वाराणसी की पहचान का हिस्सा भी हैं। इनकी खास डिजाइन और शैली शहर के ऐतिहासिक महत्व को दशार्ती है। हालांकि, एलईडी बल्ब लगाकर नगर निगम ने तुरंत समाधान तो निकाला है, लेकिन यह दीर्घकालिक समस्या का समाधान नहीं है। नगर निगम सीमा क्षेत्र के सभी स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इसको लेकर मेयर ने आलोक विभाग के अधिकारी को यह दिशा निर्देश दिया है कि सभी विभागों से तालमेल बनाकर सड़क पर लगे लाइटों को ठीक कराया जाए। लेकिन, इसके बाद भी शहर के ऐसे कई चौराहे और गालियां है, जहां पर स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी मिली। वहीं, कुछ लाइटों को ठीक करते कर्मचारी दिखाई दिए। लेकिन, उस पर भी लोगों ने खाना पूर्ति का आरोप लगाया है। वाराणसी शहर की तमाम गलियों की मुख्य मार्ग पर लगी स्ट्रीट लाइटें बंद चल रही हैं। इससे स्थानीय लोगों को रात में काफी परेशानी हो रही है। पिछले एक सप्ताह में लाइट के मरम्मत को लेकर 20 से अधिक लोगों ने शिकायत भी दर्ज की है। नगर निगम ने अब इन लाइटों को ठीक करने की लिए आठ टीमों को जोनवार लगा दिया है। इसके लिए निगम ने बजट भी पास किया हैं।

शहर में लगी हैं 5240 हेरिटेज लाइट्स

बनारस में डिवाइडरों से लेकर गलियों तक में हेरिटेज लाइट्स लगाने का काम 2014 के बाद तेजी से शुरू हुआ। हेरिटेज लाइट्स की संख्या शहर में 5240 है, जबकि पूरे शहर में 62,377 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। इन 62,000 स्ट्रीट लाइट्स में से कौन किस विभाग के अधीन है, यह काशीवासियों को नहीं पता। वह बस इतना जानती है कि लाइटें बंद हैं तो शिकायत की जाए, लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया की जहां पर हैरिटेज लाइट बंद हैं। वहां पर बल्ब लगा दिया जा रहा है। 

आपराधिक घटनाएं बढ़ने का खतरा

सड़कों-गलियों में अंधेरा कायम होने की वजह से एक तरफ जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं आपराधिक घटना होने का भी डर हैं?।  बनारस की कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटें बंद रहने से चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। सारनाथ, सुंदरपुर, भेलूपुर समेत कई इलाकों में हाल ही में अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाशों ने महिलाओं के गले से चेन उड़ा दी।