...डकैतों के अंदाज़ में दहशत फैलाने वाला कौन था ?

...डकैतों के अंदाज़ में दहशत फैलाने वाला कौन था ?
  • 12 अगस्त की वारदात से सहमे हैं हनुमान फाटक के लोग 
  • दबंगों के डर से पलायन को तैयार है पीड़ित परिवार 
  • संदिग्ध है आदमपुर पुलिस की भूमिका 
  • खौफज़दा हैं क्षेत्र के सैकड़ो चश्मदीद 
  • सीसीटीवी फुटेज से खुलेगा वारदात का असली राज़ 

 वाराणसी (रणभेरी): अपराधियों पर नकेल कसने के योगी सरकार के दावे को हालिया चुनाव में जनता ने खुलकर समर्थन दिया था। कानून-व्यवस्था के नाम पर बीजेपी को खूब वोट मिले। वहीं अपराधियों से निपटने की योगी आदित्यनाथ की शैली देश भर में चर्चा का विषय भी बनी। अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाना हो या अपराधियों के एनकाउंटर की बढ़ती संख्या, योगी सरकार के अपराध के खिलाफ अपनाए जा रहे इस तरीके पर तमाम तरह के सवाल भी उठे और इसे तमाम लोगों का समर्थन भी हासिल हुआ। अपराधियों के खिलाफ सख्ती के दावे के बावजूद कुछ घटनाएँ योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते रहते है। ऐसी ही एक घटना इन दिनों वाराणसी में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह मामला वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। जहां डकैतों के अंदाज़ में एक युवक की पिटाई करके ई-रिक्शा के पीछे उसकी बाइक को बांधकर 500 मीटर तक क्षेत्र में घुमाया गया।

हनुमान फाटक तेलियाना निवासी 24 वर्षीय युवक सूर्य प्रताप यादव के अनुसार सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट को लेकर नाराज़गी रखने वाले लगभग एक दर्जन दबंगों ने 12 अगस्त की रात 10 बजे के आस-पास उक्त युवक की बाइक रोककर पहले तो उसे जान से मारने की नियत से जमकर पीटा। उसके बाद जब हमलावर दबंगों से जान बचाकर किसी तरह से युवक सूर्य प्रताप भागते हुए आदमपुर थाने जा पहुचा और थाने पर पीड़ित युवक ने मौजूद पुलिस अधिकारियों को अपने साथ घटित घटना से अवगत कराया तथा पुलिस से न्याय की गुजारिश करते हुए घटना स्थल तक चलने को कहा। तो इसी बीच इस पीड़ित युवक को उसके दोस्त चन्दन चौरसिया ने फोन करके बताया कि लगभग एक दर्जन लोग उसके घर में घुसकर बड़ी बेरहमी के साथ उसके पिता संतोष यादव की पिटाई कर रहे है। पिता की पिटाई की खबर सुनते ही सूर्य थाने से भागकर अपने घर पहुचा तो देखा कि दबंगों ने उसकी मोटर सायकिल को बुरी तरह से कूच डाला, घर पर पथराव भी किया और उसके पिता को यह धमकी देते हुए जमकर पिटाई कर दिया कि यदि थाने गए तो पूरे परिवार को जान से मार दिया जाएगा। 

इस घटना से पूरे क्षेत्र में लोगों में डर का माहौल व्याप्त हो गया। सूत्रों की माने तो जिन लोगों ने सूर्य प्रताप यादव एवं उसके पिता की पिटाई की है उनके हमले का अंदाज बेहद खतरनाक था। जिस स्थान पर सूर्य को पीटा गया वहा से उसके मकान की दूरी लगभग 500 मीटर बतायी जा रही है। सूर्य के दोस्त चन्दन चौरसिया के अनुसार मार खाने के बाद सूर्य जब अपनी बाइक वही छोड़कर पुलिस थाना की ओर भागा तो उसे पीटने वाले लोगों ने डाकुओं के अंदाज़ में एक ई-रिक्शा (टोटो) में पीछे उसकी बाइक को रस्सी से बांधकर घसीटते हुए उसके घर तक ले गए और फिर वहा उसके मकान पर पथराव भी किया। गालियों की आवाज़ सुनकर जब सूर्य के पिता संतोष घर के दरवाजे पर आये तो इन दबंगों ने संतोष को भी जमकर पीट। इस पूरी घटना से उक्त परिवार इस कदर डरा सहमा है कि बाकायदा अपने मकान की फोटो के साथ फेसबुक पर यह पोस्ट कर दिया है कि अपनी जान बचाने के लिए यह पूरा परिवार अपना मकान बेचकर इस क्षेत्र को छोड़ना चाहता है। 

इस घटना में सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि पूरी घटना के सैकड़ो चश्मदीद में से कोइ भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पीड़ित द्वारा तत्काल 112 न. डायल करके मौके पर पुलिस को भी बुलाया गया। पीड़ित के अनुसार वह स्वयं पिछले एक सप्ताह में दर्जनों बार थाने के चक्कर लगा चुका है उसने अपना और अपने पिता के शरीर पर लगे चोटों का डाक्टरी मुवायना भी स्वयं पुलिस के मदद बिना ही करवाया। पिछले 10 दिनों से यह पीड़ित परिवार इन्साफ के लिए वाराणसी पुलिस के उच्चाधिकारियों के दफतर के चक्कर लगा रहा है। लेकिन इनकी सुनने वाला कोइ नहीं है जबकि युवक सूर्य प्रताप का दावा है कि यह पूरी घटना स्मार्ट सिटी योजना के तहत हनुमान फाटक पुलिस चौकी के पास लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में कैद है। 

योगी आदित्यनाथ के राज में वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र की इस घटना ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए है। क्या सूर्य प्रताप यादव नाम के युवक पर 12 अगस्त की रात दर्जनों लोगों ने जानलेवा हमला किया था? क्या सूर्य प्रताप की बाइक को डाकुओं के अंदाज में ई-रिक्शा के पीछे बांधकर क्षेत्र में घुमाया गया था ? क्या इस घटना की सूचना पर मौके पर स्थानीय थाने की पुलिस पहुची थी? क्या इस पूरी वारदात को मोहल्ले के सैकड़ो लोगों ने अपनी आँखों से देखा था ? यदि उपरोक्त बाते सच है तो फिर एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि इस घटना को अंजाम देने वाला और उसके पीछे आखिर ऐसा कौन है जिसके खिलाफ पूरे इलाके ना किसी में बोलने की हिम्मत है और ना ही स्थानीय थाना कोइ कार्यवाही करने को तैयार है। बहरहाल इस पूरे प्रकरण की सच्चाई स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में कैद बतायी जा रही है जिसका रिकार्ड फिलहाल नगर निगम के पास सुरक्षित है।


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