तो क्या सिर्फ कमजोरों पर चलता है सरकार का बुलडोजर ?
- धन्नासेठों और सफेदपोशों के आगे बेबस और बेचारा बना है वाराणसी विकास प्राधिकरण
- वीडीए के अधिकारियों की मनमानी से पीएम के संसदीय क्षेत्र में अवैध निर्माणों की आई है बाढ़
- भेलूपुर जोन में अवैध निर्माणों की लगी है होड़, वीडीए के कारनामों का गूंज रहा शोर
- वीडीए के अधिकारियों का हो साथ तो कौन लगाएगा अवैध निर्माणों पर हाथ !
वाराणसी (रणभेरी/विशेष संवाददाता)। यह शेर अपने सुनी होगी कि "कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है, मिले अगर भाव अच्छा तो साहब भी अपनी कुर्सी बेच देता है"। दरअसल यह शेर आज के समय में सटीक बैठता है वाराणसी विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों पर। वीडीए के जिम्मेदार अधिकारियों ने न सिर्फ हाइकोर्ट और सीएम के फरमानों को ताख पर रखा है बल्कि शहर में अवैध निर्माण करवाने का खुलेआम ठेका ले रखा है। नदी किनारे या बाढ़ के उच्चतम स्तर तक किसी भी तरह के निर्माण के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से अनुमति नहीं दी जाती है। बावजूद इसके धड़ल्ले से इन प्रतिबंधित एरिया में निर्माण हुआ है और लगातार हो रहा है। प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डर और कॉलोनाईजर लगातार अपना जाल फैला रहे हैं। इनसे सीधा फायदा लेकर जिम्मेदार विभाग भी मौन रहते हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के भ्रष्टतम विभाग वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का। वीडीए के लोभी अधिकारियों के निजी स्वार्थ की बदौलत शहर में अवैध निमार्णों की बाढ़ आ गयी है। शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां अवैध मकान न बने हो। ये भ्रष्ट अधिकारी सील और डील का खेल खेलकर सीएम योगी आदित्यनाथ के आंख में भी निरंतर धूल झोंकते हैं। ये लोभी अधिकारी चंद रुपए की लालच में अपना ईमान धन्नासेठों और रसूखदारों के चरणों में गिरवी रख देते है।
मध्यस्था की भूमिका निभाते है जोनल अधिकारी और जेई
अवैध निर्माण में सबसे बड़ा हाथ वीडीए के जोनल अधिकारी और जेई का होता है। वीडीए के जोनल अधिकारी इतने धूर्त है की किसी भी अवैध निर्माण की भनक इनको सबसे पहले लग जाती है। सूत्रों बताते हैं कि शहर के चप्पे-चप्पे पर होने वाले वाले अवैध निर्माण का पता लगाने के लिए बाकायदा विभाग के बड़े अफसरों ने अपना-अपना आदमी सेट कर रखा है, जो घूम-घूम कर अवैध निर्माण की रेकी करते है और फिर ऐसे अवैध निर्माण की सूचना वीडीए के बड़े अधिकारी तक पहुंचाते हैं। जिसके बाद जोनल अधिकारी बकायदा लाव-लश्कर के साथ अवैध निर्माण तक पहुंचते है। यहीं से डील डॉल देने के बाद शुरू होता है वीडीए अफसरों का असली खेल। ये अवैध निर्माण को इसलिए सील नहीं करते की यह वास्तव में अवैध हैं बल्कि सील के पीछे इनका मकसद भारी भरकम डील का होता है।
वीडीए के जिम्मेदार काशी की सुंदरता पर लगा रहे धब्बा
वाराणसी, जिसे हम काशी के नाम से भी जानते हैं, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी है। यहां की गंगा, घाट और मंदिर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय जनजीवन का अभिन्न हिस्सा भी हैं। लेकिन इस प्राचीन नगरी में विकास की आड़ में जो भ्रष्टाचार पनप रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। इसका जीता जागता उदाहरण है वाराणसी विकास प्राधिकरण। वीडीए की गतिविधियों ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है, जहां धन्नासेठों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है और आम गरीब जनता को नजरअंदाज किया जा रहा है। वीडीए की नीतियों में स्पष्ट है कि यह धन्नासेठों के आगे नतमस्तक हो चुका है। बड़े कॉपोर्रेट्स और बिल्डर्स के लिए आसान नियम और नीतियां बनाई जाती हैं, जबकि गरीबों के लिए कई तरह की बाधाएं खड़ी की जाती हैं। यह देखा गया है कि कई बार ये बिल्डर्स स्थानीय अधिकारियों को रिश्वत देकर अपने काम को आसान बना लेते हैं, जिससे भ्रष्टाचार का एक जाल फैल जाता है। भ्रष्ट वीडीए की गतिविधियों ने विकास के वास्तविक अर्थ को धूमिल कर दिया है। अगर इस स्थिति को नहीं बदला गया, तो आने वाले समय में वाराणसी का यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप भी समाप्त हो जाएगा।
धनाढ्य व्यक्ति ने एचएफएल क्षेत्र में खड़ी कर दी आलिशान इमारत
वीडीए अधिकारियों के कारनामों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस प्रतिबंधित क्षेत्र में एक तल का निर्माण भी अवैध है उस प्रतिबंधित एचएफएल क्षेत्र में एक धनाढ्य व्यक्ति ने चार मंजिला आलिशान इमारत को खड़ा कर दिया। भेलूपुर जोन के रविंद्रपुरी क्षेत्र में एक धनाढ्य व्यक्ति ने बिल्डिंग तानकर एक ज्वेलरी का शो रूम तक खोल दिया, लेकिन वीडीए के अधिकारियों की नजर यहां तक नहीं पहुंची। ऐसा नहीं है कि यह आलिशान इमारत एक - दो दिन या एक दो- महीने में तैयार हो गई। इमारत देख कर यह कोई दोराय नहीं कि इसे बनने में करीब दो साल से कम का समय नहीं लगा होगा। सवाल ये है इस दौरान वीडीए के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए थे या फिर धन्नासेठों के आगे अपना ईमान बेच दिया ! आखिर इतने दिनों तक जब यह निर्माण हुआ तो इसे रोक क्यों नहीं किया गया ! सूत्रों की माने तो पहले तल पर संचालित ज्वेलर्स की दुकान के ऊपरी तल पर होटल खोलने की भी योजना बनाई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इस इमारत का निर्माण स्वयं वीडीए वीसी के संरक्षण में हुआ है इसलिए किसी अन्य क्षेत्रिय अधिकारी ने इस इमारत को छूने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
गंगा किनारे भी बे-रोकटोक जारी है अवैध निर्माण
गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में निर्माण पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगायी गयी है, बावजूद इसके भेलूपुर जोन के नगवां इलाके में सुखानंद बाबा आश्रम के पास गंगा से महज 20 मीटर के दायरे में खुलेआम अवैध निर्माण जारी है। इस क्षेत्र में कई ऐसे भवन हैं जिनपर रोक लगा पाना विभाग के बस की भी बात नहीं है। क्योंकि इनके रसूख के आगे विभाग भी बौना साबित हो जाता है। वहीं विभाग जिन पर वह कार्रवाई कर सकता है उनपर भी कोई एक्शन नहीं ले रहा है। शहर में जहां कहीं भी अवैध निर्माण होता है, या फिर प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण होता है तो उस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण की है। लेकिन भेलूपुर जोन का ऐसा एरिया जो वीडीए के जोनल आॅफिस से चंद कदमों की दूरी पर है वहां भी उनकी नजरें नहीं पहुंचती है। वीडीए के अफसरान शहर के कोने-कोने में उन स्थानों तक पहुंच जाते है जहां किसी भी तरह का निर्माण होता है। वहां से खुश होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है।
सब जानते हुए भी अंजान बने रहते है वीडीए वीसी साहब
शहर में हो रहे सभी अवैध निर्माण की निगरानी का जिम्मा वीडीए का होता है। वीडीए वीसी के आदेश पर ही बुलडोजर की कार्रवाई होती है। यह पीएम के संसदीय क्षेत्र में ऐसा प्रतीत होता की वीडीए वीसी को भी सिर्फ गरीबों का अवैध निर्माण दिखता है। जब बात धन्नासेठों की आती है तो वीडीए वीसी के बुलडोजर को जंग लग जाती है। ऐसा नहीं की शहर में हो रहे अवैध निर्माण की जानकारी वीडीए वीसी को न हो, लेकिन रसूखदारों के आगे वीडीए वीसी में बेबस और बेचारा बन जाते है। धन्नासेठों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं बल्कि वीसी साहब के दया और करुणा की कृपा होती है। सिर्फ नोटिस-नोटिस और मुकदमे की दिखावेपन से ही वीसी साहब धन्नासेठों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हैं।
धनबल के दवाब में बेअसर साबित हुई अबतक की कार्रवाई
- नोटिस : नोटिस की कार्रवाई दिनांक 28.10.2021 को दी गयी, जिसमें दिनांक 02.11.2021 को सुनवाई हेतु तिथि नियत की गयी।
- पत्र : शमन मानचित्र दाखिल करने हेतु पन्त्र दिनांक 09.11.2021 प्रेषित किया गया।
- पुलिस पत्र : पुलिस उपायुक्त, काशी जोन एवं थानाध्यक्ष, थाना-भेलूपुर, वाराणसी को निर्माण कार्य बन्द कराने हेतु पत्र दिनांक 31.12.2021 को प्रेषित किया।
- ध्वस्तीकरण आदेश : उक्त स्थल पर निरन्तर निर्माण कार्य किये जाने पर उक्त निर्माण के विरूद्ध उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-27(1) के अन्तर्गत ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 06.04.2022 को पारित किया गया।
- पुलिस पत्र : पुन: निर्माण कार्य किये जाने पर पक्ष के विरूद्ध एफ०आई०आर० दर्ज करने हेतु पुलिस उपायुक्त, काशी जोन, वाराणसी को पत्र दिनांक 15.04.2022 को प्रेषित किया गया।
- अपील : ध्वस्तीकरण आदेश के विरूद्ध गा० आयुक्त न्यायालय में अपील सं०- 2022140000000584 रान् 2022 दाखिल किया गया था, जो दिनांक 15.02.2023 को मा० आयुक्त न्यायालय द्वारा निस्तारित कर दी गयी है।
- एफआईआर : दिनांक 14.05.2022 कको धारा-154 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट सं0-0150 दर्ज करायी गयी।
- सील : पुन: निर्माण कार्य किये जाने पर स्थल को दिनांक 07.09.2022 को सील कर थानाध्यक्ष, भेलूपुर, वाराणसी को दर्ज करायी गयी एफआईआर की प्रति आवश्यक कार्यवाही हेतु उपलब्ध करायी गयी।
- पुलिस पत्र : सील तोड़कर पुन: निर्माण कार्य प्रारम्भ किये जाने पर पुलिस उपायुक्त, वाराणसी को निर्माण कार्य बन्द करने हेतु दिनांक 18.11.2022 को पुन: पत्र प्रेषित किया गया।
- सील : स्थल पर पुन: कार्य प्रारम्भ करने पर पुलिस उपायुक्त, वाराणसी को पूर्व दर्ज करायी गयी एफआईआर के अनुसार आवश्यक कार्ययाही हेतु सम्बन्धित किये गये निर्माण के विरूद्ध दिनांक 3 मार्च 2023 को पुन: पत्र प्रेषित किया गया।
- ध्वस्तीकरण आदेश: पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 6 अप्रैल 2024 के क्रम में 26 अक्टूबर 2024 को नोटिस जारी किया गया कि स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा।
जितने भी अवैध निर्माण हुए है उनके विरुद्ध विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा जितने भी अवैध निर्माण, जिनको नोटिस जारी की गई है, उसमें आगे क्या कार्रवाई की जा रही उसकी समीक्षा की जा रही है। सभी अवैध निमार्णों के विरुद्ध समीक्षा के उपरांत प्राधिकरण के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलकित गर्ग, वीडीए वीसी