काशी पहुंचे स्विस पर्यटक, 4 दिन बाद PM करेंगे दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा का शुभारंभ
वाराणसी (रणभेरी): घने कोहरे की वजह से कोलकाता से 32 स्विस पयर्टकों को लेकर चला गंगा विलास क्रूज अभी भी वाराणसी नहीं पहुंच पाया है। गाजीपुर से चला क्रूज देर रविवार देर शाम तक चंदौली के अमादपुर तक पहुंच सका, फिर क्रूज की टीम ने वहीं डेरा डाल दिया। अब क्रूज के सोमवार तक काशी पहुंचने की उम्मीद है। क्रूज से गाजीपुर तक आए कुछ स्विस पर्यटक रविवार को सड़क मार्ग से वाराणसी आ गए। इन पर्यटकों का कैंटोनमेट स्थित होटल में शहनाई बजाकर किया गया। देरशाम पर्यटकों ने दशाश्वमेध घाट जाकर गंगा आरती भी देखी। सारनाथ स्थित धमेख स्तूप और संग्रहालय का भ्रमण किया। पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से विशेष सांस्कृतिक आयोजन भी किया गया।
होटल में विश्राम के बाद स्विस पर्यटक सोमवार को काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करेंगे। अधिकारियों का मानना है कि गंगा-विलास क्रूज भी कल वाराणसी पहुंच सकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर इस क्रूज को डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे। यह बांग्लादेश को बीचो बीच क्रॉस करते हुए विहंगम मेघना नदी पर चलकर 51वें दिन डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। बांग्लादेश में पूरे 15 दिन रहेगा। इस दौरान यह क्रूज 27 नदियों के माध्यम से 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा। वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच कुल 3,200 किलोमीटर की दूरी की यात्रा करेगा। यह दुनिया की सबसे लंबी और एडवेंचरर्स रिवर यात्रा होने वाली है।गंगा विलास क्रूज 17 दिन पहले 32 स्विस टूरिस्ट को लेकर कोलकाता से वाराणसी के लिए रवाना हुआ था। पश्चिम बंगाल और बिहार के रास्ते बलिया से यूपी में प्रवेश किया। यूपी में पर्यटकों ने गाजीपुर में लॉर्ड कार्नवालिस का मकबरा देखा। गाजीपुर के कलक्टर घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कल सभी स्विस यात्री वाराणसी पहुंचे हैं।
आज काशी भ्रमण के बाद ये सभी स्विस टूरिस्ट चुनार जाएंगे। चुनार का किला घूमने के साथ ही स्विस टूरिस्ट मिर्जापुर की लोक कला कजरी का भी लुत्फ उठाएंगे।क्रूज यात्रा से एक दिन पहले 12 जनवरी को बॉलीवुड के प्रख्यात गायक शंकर महादेवन काशी विश्वनाथ धाम में एक घंटे गीत-संगीत की की प्रस्तुति देंगे। इसके बाद अगले दिन 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) के लिए रवाना होगा। यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों और कई अभयारण्यों के बीच से भी गुजरेगा। इसमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क सबसे प्रमुख स्पॉट्स हैं। क्रूज पर हर तरह के ब्रेकफास्ट और लंच सहित म्यूजिक प्रोग्राम भी रखे गए हैं। यह क्रूज 27 नदियों से गुजरेगा। इसमें मुख्य तौर पर गंगा ही हैं। गंगा विलास क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, वहीं, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से आसाम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे।गंगा विलास क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं। साथ में एक रेस्टोरेंट, स्पा रूम और सनडेक है। वहीं, इन सबके साथ म्यूजिक भी रखा गया है।