ओडिशा में फेल हुआ निजीकरण मॉडल, यूपी में न थोपें

ओडिशा में फेल हुआ निजीकरण मॉडल, यूपी में न थोपें

वाराणसी/लखनऊ (रणभेरी)। ओडिशा में बिजली निजीकरण के प्रयोग की दोबारा नाकामी के बाद उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने की कोशिशों पर विरोध तेज हो गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि ओडिशा जैसी विफल नीति को उत्तर प्रदेश की गरीब जनता पर न थोपा जाए। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि ओडिशा विद्युत नियामक आयोग ने टाटा पावर की चारों वितरण कंपनियों को खराब उपभोक्ता सेवाओं के चलते 15 जुलाई को जनसुनवाई में बुलाया। लेकिन कंपनियों के सीईओ संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। आयोग ने अब एक माह में पूरे ओडिशा में जाकर जनता से राय लेने का ऐलान किया है। वहीं, आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 43 और रेगुलेशन कोड 2019, 2004 का हवाला देते हुए कहा कि टाटा पावर न तो कनेक्शन समय पर दे रहा, न इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड कर रहा है। 1 किलोवाट के गरीब उपभोक्ताओं तक को कनेक्शन नहीं मिल रहा। संघर्ष समिति ने कहा कि ओडिशा भारत का पहला राज्य था जहां 1999 में बिजली का पूर्ण निजीकरण किया गया। अमेरिका की एईएस कंपनी एक साल में ही भाग गई। तीन वितरण कंपनियों का लाइसेंस 2015 में रद्द किया गया। 2020 में टाटा पावर को जिम्मा मिला, लेकिन अब फिर असफलता के चलते नोटिस जारी हुआ। संघर्ष समिति ने सवाल उठाया कि जहां ओडिशा में कृषि क्षेत्र केवल 4 फीसद है, वहां भी निजीकरण असफल हुआ। उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में, जहां कृषि-ग्रामीण क्षेत्र 35 फीसद से ज्यादा है, वहां निजीकरण थोपना कहां तक उचित है?

निदेशक वित्त निधि नारंग पर ग्रांट थॉर्नटन से मिलीभगत का आरोप

संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वित्त निधि नारंग को चौथी बार सेवा विस्तार दिए जाने के प्रस्ताव पर भी आपत्ति जताई है। आरोप लगाए कि श्री नारंग ने निजीकरण के लिए "गोपनीय रूप से ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्नटन" से मिलीभगत की है। समिति ने मांग की कि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज करें और निजीकरण प्रक्रिया को रद्द करने का स्पष्ट आदेश जारी करें। संघर्ष समिति की अगुआई में निजीकरण के खिलाफ 231वें दिन भी प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, झांसी, कानपुर, प्रयागराज समेत दर्जनों जिलों में बिजलीकर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ जमकर विरोध जताया।