गंगा में बढ़ोतरी की थमी रफ्तार, दुश्वारियां अब भी बरकरार

वाराणसी (रणभेरी सं.)। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने के बाद बुधवार की शाम से घटने लगा है। गुरुवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की कमी देखी गई। इससे तटवर्ती इलाके के लोगों ने राहत महसूस की है। हालांकि घाट अभी जलमग्न हैं। नमो घाट पर बना नमस्ते स्कल्पचर डूबा हुआ है। वहीं आसपास के इलाकों में भी पानी भरा हुआ है। ऐसे में प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। पिछले कई दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही थी। बीते करीब एक हफ्ते से जारी बढ़ाव से गंगा का पलट प्रवाह वरुणा में होने से नक्खी घाट, पुलकोहना, पुराना पुल, सरैयां, फुलवरिया और पिसौर क्षेत्र में बने कई मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इनमें रहने वाले कुछ परिवारों ने छतों पर तो कुछ ने राहत शिविर में शरण ली है। शास्त्री घाट पर पानी आरती स्थल से लगभग तीन फीट नीचे है, जबकि हनुमान मंदिर का नीचे का हिस्सा डूब गया है। वरुणा में तैर रहीं जलकुम्भियां किनारों पर सड़कर दुर्गन्ध बढ़ा रही हैं। उधर जलस्तर बढ़ने से नमो घाट पूरी तरह से डूब गया है। मणिकर्णिका घाट पर छत शवदाह हो रहा था। दशाश्वमेध घाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, गंगामहल घाट, तुलसीघाट, सिंधिया घाट, जैन घाट, चेतसिंह घाट और पंचगंगा घाट समेत सभी घाट डूब गए थे। पंडा समाज के लोगों ने अपनी चौकियां गलियों में लगा ली थीं। गंगा के जलस्तर बढ़ने से सबसे बड़ी दुश्वारियां वरुणा के ढाब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को झेलनी पड़ रही है। गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद पानी का पलट प्रवाह सहायक नदी वरुणा में होने से पानी तटवर्ती क्षेत्रों में पसरता जा रहा है। लगभग डेढ़ दर्जन घरों में घुसे पानी ने बुधवार को और विस्तार किया तथा पुलकोहना के अतिरिक्त रसूलगढ़,सलारपुर इलाके में एक दर्जन से अधिक मकानों में पानी घुस गया। आनन-फानन में लोग अपना समान निकाल कर दूसरी जगह किराए पर रहने की व्यवस्था में जुट गए। सलारपुर प्राथमिक विद्यालय में बने बाढ़ राहत शिविर में चार परिवारों ने शरण ली है। रेलवे लाइन के किनारे सलारपुर में भी पानी फैल गया है। जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से लगभग एक मीटर नीचे तक पहुंच गया था। बुधवार की दोपहर में गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया। वहीं शाम 6 बजे से जलस्तर में कमी शुरू हो गई। आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में कमी देखी गई। गुरुवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गिरावट रिकॉर्ड की गई। जलस्तर 68.76 मीटर रिकॉर्ड किया गयाा। एक दिन पहले तक जलस्तर बढ़ने के चलते घाट डूब चुके हैं। वहीं आसपास के इलाकों में पानी फैल गया है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद लोगों को तमाम तरह की दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। स् प्रशासन ने संभावित बाढ़ को देखते हुए बाढ़ राहत शिविरों में पहले ही सारी तैयारी कर ली है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है।
ज्ञान प्रवाह नाले पर लगा पंप
गंगा का जलस्तर बढ़ने से सामनेघाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाले में गंगा की तरफ से 10 फीट से अधिक पानी भर गया है। नाले पर लगे चैनल गेट लगने से मारुति नगर, पटेल नगर, हरिओम नगर, सत्यम नगर, सीर गोवर्धनपुर स्थित काशीपुरम कॉलोनी की तरफ से आने वाला पानी भी नाले के मुहाने पर रुका है।
रात-दिन अलर्ट रहें अधिकारी-कर्मचारी
जिलाधिकारी ने जनपद की सभी बाढ़ राहत चौकियों को पूरी तरह सक्रिय करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी बाढ़ राहत शिविरों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को मुस्तैद रहने की हिदायत दी। उन्होंने बाढ़ राहत से जुड़े सभी विभागों को भी तैयार रहने तथा इंतजामों में कोई कोर कसर न छोड़ने का निर्देश दिया।
राहत शिविर पर डीएम ने चेक की व्यवस्था
साफ-सफाई, खाने-पीने, दवा की समुचित व्यवस्था का अधिकारियों को दिया निर्देश
वाराणसी (रणभेरी सं.)। जिले में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने पर प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर को सक्रिय कर वहां लोगों को ठहराया है। शिविरों पर लोगों के लिए किए गए इंतजामों का बुधवार को जिलाधिकारी व अपर पुलिस आयुक्त ने जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में ठहरे लोगों से व्यवस्था का फीडबैक भी लिया। जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय सलारपुर में इंतजामों को चेक करने के बाद अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिया। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार व अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीना ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से आए लोगों से हालात के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बाढ़ राहत शिविरों पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को पीड़ित परिवारों को सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने तथा विस्थापित लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न होने देने का निर्देश दिया। बाढ़ चौकी प्राथमिक विद्यालय सलारपुर के निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिविर में आए लोगों की संख्या, उनके खाने-पीने, रहने की व्यवस्था देखी। जिलाधिकारी ने हाइजेनिक किचन, शौचालय, गैस कनेक्शन, मेन्यू के अनुसार भोजन, टेंट की व्यवस्था, डॉक्टर की उपलब्धता, विद्युत सेफ्टी, साफ सफाई के प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फॉगिंग व चूने का छिड़काव भी लगातार कराया जाए। इस दौरान एसडीएम सदर अमित कुमार, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, नगर निगम के जोनल अधिकारी, संबंधित थानों के प्रभारी व अन्य अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।