सीएचएस प्रवेश में लॉटरी सिस्टम के खिलाफ एनएसयूआई का विरोध तेज
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के सेंट्रल हिंदू स्कूल में दाखिले के लिए लॉटरी सिस्टम के खिलाफ छात्र और नागरिक समाज लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहा है। इसी क्रम में एनएसयूआई से जुड़े छात्रों और कार्यकर्ताओं ने सीएचएस एडमिशन में लॉटरी प्रणाली खत्म कर प्रवेश परीक्षा को पुनः बहाल किए जाने और सन 2015 में शुरू हुए एडमिशन के 'कुलपति कोटा' और पेड कोटा जैसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक प्रणाली को भी समाप्त करने की मांग के साथ इलहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर एकजुट होकर बीएचयू के कुलपति का पुतला फूंका।
इस दौरान छात्रों ने नारेबाजी भी की। छात्रों के एनी बेसेंट अमर रहें, महामना अमर रहे जैसे नारो से पूरा छात्र संघ भवन समेत विश्विद्यालय परिसर गूँज उठा।आक्रोशित छात्रों ने बीएचयू कुलपति का पुतला फूंकने के बाद एक सभा के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि बीएचयू प्रशासन प्रतिभावान छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है, और जिला प्रशासन के लोग उनका साथ दे रहे हैं। छात्रों ने अपनी बातचीत में सेंट्रल हिन्दू स्कूल से मांग भारत सरकार और बीएचयू प्रशासन से रखी। छात्रों ने अल्टीमेटम देते हुए मांग न माने जाने पर बड़े और देशव्यापी आन्दोलन की चेतावनी दी। इस दौरान अक्षय यादव क्रांतिवीर इत्यादि लोग मौजूद रहे।
टीएमसी नेता ललितेशपति ने लिखा बीएचयू कुलपति को पत्र
सेंट्रल हिंदू स्कूल में लॉटरी से प्रवेश के मामले पर टीएमसी नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने बीएचयू के कुलपति को पत्र लिखा है। इसके अलावा बिहार के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने भी कुलपति को पत्र लिखा है। पत्र में पूर्व विधायक ने कहा कि चाहे पं. कमलापति त्रिपाठी की सर्वधर्म समभाव की नीति रही हो या लोहिया की सामाजिक समानता की अवधारणा, बीएचयू ने अपने विद्यार्थियों के जरिए विश्व पटल पर अमिट छाप छोड़ी है।
उन्होंने मांग रखी कि पुरानी प्रवेश परीक्षा की पद्धति को पुनः शुरू किया जाए जिससे की संघर्षशील क्षमतावान प्रतिभाओं का विकास हो पाए। दूसरी तरफ बिहार के पालीगंज विधानसभा से विधायक संदीप सौरभ ने पत्र में लिखा है कि सेंट्रल हिन्दू स्कूल में प्रवेश में लॉटरी प्रणाली, कुलपति कोटा और पेड सीट कोटा रद्द हो। पत्र को छात्रों के प्रतिनिमण्डल ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह को सौंपा। प्रतिनिधमंडल में राजेश कुमार, चंदा यादव, शशि रंजन, ऋषभ, मोनू, उमेश थे।