काशी तमिल संगमम-4 में शामिल हुए मंत्री, छात्रों ने सौंपा BHU अस्पताल की भ्रष्टाचार रिपोर्ट

काशी तमिल संगमम-4 में शामिल हुए मंत्री, छात्रों ने सौंपा BHU अस्पताल की भ्रष्टाचार रिपोर्ट

वाराणसी (रणभेरी):  केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे और काशी तमिल संगमम-4 के कार्यक्रम में शामिल हुए। भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को देश की पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि संगमम का उद्देश्य भारत की विभिन्न भाषाओं, साहित्य, संस्कृति और ज्ञान परंपराओं को एक मंच पर जोड़ना है।

कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या भविष्य में केरल और कर्नाटक को भी ऐसे आयोजनों में शामिल किया जाएगा, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा- “आइडिया अच्छा है आपका, यह देश का ही संगम है, यही सोचिए।” मंत्री ने कार्यक्रम की सफलता के लिए बीएचयू प्रशासन, स्थानीय नागरिकों और तमिलनाडु से आए प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।

BHU अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर छात्रों का रोष, मंत्री को सौंपा ज्ञापन

मंत्री के बीएचयू आगमन के दौरान सर सुन्दरलाल चिकित्सालय (SSL Hospital) में कथित भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर छात्रों ने विरोध दर्ज कराया। दिव्यांशु त्रिपाठी और सत्यनारायण सिंह के नेतृत्व में छात्र प्रतिनिधियों ने मंत्री को ज्ञापन देकर अस्पताल में तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

फार्मेसी घोटाले का आरोप- टेंडर खत्म, फिर भी दुकान संचालित

छात्रों ने अस्पताल परिसर में चल रही ‘उमंग फार्मेसी’ को बड़ा घोटाला करार दिया। उनका आरोप है कि दुकान का टेंडर महीनों पहले समाप्त होने के बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से इसे अवैध रूप से चलाया जा रहा है। मरीजों को जेनेरिक दवाएं बाजार से अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं, जबकि एक ही लाइसेंस पर 15 से अधिक अवैध स्टोर खोले जाने का भी आरोप लगाया गया।

AIIMS का दर्जा मिलने के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था

छात्र नेता दिव्यांशु त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सुन्दरलाल चिकित्सालय को AIIMS का दर्जा दिया है और विकास के लिए करोड़ों रुपये भी स्वीकृत हुए हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं। भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा की लापरवाही असहनीय है।

सत्यनारायण सिंह ने बताया कि अस्पताल की उदासीनता के कारण इसी वर्ष 4–5 छात्रों की मौत हो चुकी है, परंतु प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उनका आरोप है कि शीर्ष अधिकारी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालकर मामले से बचते रहते हैं।

छात्रों ने मांगी स्वतंत्र जांच और कड़ी कार्रवाई

छात्रों ने मंत्री से अनुरोध किया कि अस्पताल प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों और अवैध फार्मेसी संचालन की स्वतंत्र जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई।