International Nurses day 2022: धरती के भगवान की महत्वपूर्ण सहायक
वाराणसी (रणभेरी): आज दुनियाभर में नर्सों के योगदान के सम्मान और जश्न मनाने के लिए नर्स डे एक ख़ास दिन है। इसे हर साल 12 मई को ‘इंटरनेशनल नर्सेस डे’ मनाया जाता है। जनवरी, 1974 में, ये खास दिन नर्स को उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा हुई थी।
इस दिन को मनाने की प्रेरणा ब्रिटिश नर्स और समाज सुधारक फ्लोरेंस नाइटिंगेल हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। साल 2022 की नर्स दिवस की थीम हैट- ''"नर्स: ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड अदर राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ"।स्वास्थ के क्षेत्र मे जितना महत्तवपूर्ण स्थान एक डाक्टर का हैं उतना ही आवश्यक नर्स की भूमिका भी हैं। नर्स के बिना स्वास्थ क्षेत्र कि कल्पना की नही जा सकती।
मरीज और डाक्टर के बीच नर्स एक पुल का काम करती हैं । डाक्टर केवल दवाओ को निधारित करता है और रोग का निदान करता है, लेकिन आखिर में ,यह नर्स ही होती है जिसके ऊपर मरीज के उपजार की वास्तविक जिम्मेदारी निर्भर करती है। वे दिन रात मरिजो कि सेवा करती हैं। कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों के इलाज में भी अहम भूमिका है। वेे अपनी जान कि फिक्र किए बिना मरीजों को बचाने के लिए संघर्ष करती रही। डाक्टरो के साथ- साथ उन्होने अपना कर्तव्य बखुबी निभाया हैं।
नर्सों के साहस और उनके सराहनीय योगदान, कार्यों के लिए सम्मान जताने के लिए ये डे सेलीब्रेट किया जाता है।