साईं प्रतिमा हटाने के मामले में पुजारी ने वापस लिया मुकदमा, अब खुद ही शहर के मंदिरों से हटा रहे है प्रतिमा
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी जिले में सनातन रक्षक दल की ओर शहर के मंदिरों से साईं की मूर्ति हटाने के मामले में तहरीर पुजारी ने वापस ले ली। बता दें कि, काशी के मंदिरों से 1अक्टूबर से ही साईं प्रतिमाओं को हटाने का अभियान चलाया गया है। वहीं 3 अक्टूबर को साईं प्रतिमा हटाने के मामले में पुलिस ने अजय शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले को लेकर वाराणसी से मुंबई तक हंगाम हुआ था। 3 अक्टूबर को चौक थाने पर क्राइम संख्या 100/24 में स्पेशल CJM ने उन्हें 8 अक्टूबर को जमानत दी थी। इस मामले में सनातन रक्षक दल को व्यासपीठ और शंकराचार्य का समर्थन मिल गया है।
साइन प्रतिमा हटाने के मामले को दर्ज़ की गई तहरीर को वापस लेने के बाद शहर के मंदिरों से पुजारी खुद ही प्रतिमाओं को हटा रहे हैं। कुछ मंदिरों में प्रतिमाओं को कपड़े से ढंक दिया है। अब तक शहर के 42 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाई जा चुकी है। 10 से अधिक मंदिरों में पुजारियों ने प्रतिमाओं को कपड़े से ढंक दिया है। जल्द ही इन्हें हटवा भी दिया जाएगा।
मंदिरों के अलावा मठों में स्थापित साईं की प्रतिमाएं भी अब हटने लगी हैं। शहर के दो बड़े मठों में साईं की प्रतिमा को कपड़े से ढंक दिया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने कहा कि स्थानीय स्तर पर साईं की कथा को विस्तार दिया गया है। सनातन धर्म और हिंदुओं को भ्रमित करने और पथभ्रष्ट करने के लिए यह योजना चलाई गई। साईं का न कोई धर्म है, न कोई इतिहास है और न ही कोई सैद्धांतिक व आध्यात्मिक मर्यादा है। सनातन से बढ़कर शत प्रतिशत परिपूर्ण और लोकहितकारी पूरी दुनिया में दूसरा धर्म नहीं है।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने काशी के मंदिरों को साईं की प्रतिमा से मुक्त करने का अभियान शुरू किया था। सितंबर में बड़ा गणेश मंदिर, पुरुषोत्तम मंदिर सहित 10 से अधिक मंदिरों से साईं प्रतिमाओं को हटाया गया। बड़ा गणेश मंदिर में तो साईं की प्रतिमा के स्थान पर वाटर कूलर लगवाया दिया गया है। पुरुषोत्तम मंदिर में साईं की प्रतिमा के स्थान पर मां काली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।
काशी के मंदिरों से साईं की प्रतिमा को हटाने पर शंकराचार्य, काशी विद्वत परिषद, व्यासपीठ से कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर, प्रदीप मिश्रा, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास सहित काशी के साधु-संतों व मंदिरों के महंतों ने अपना समर्थन दिया है।