बीएचयू गौशाला की गायें खा रहीं कूड़ा
वाराणसी(रणभेरी)। काशी विश्वविद्यालय में स्थित गौशाला की गायों को हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिससे वह मजबूर होकर परिसर स्थित कूडा घरों में कूडा-कचरा खाने को मजबूर हैं । सबसे बड़ी बातें है कि कूड़ा कचरा में पॉलिथीन सहित तमाम हानिकाराक वस्तुएं हैं जो गाय के स्वास्थ्य को खराब करने के साथ उनकी जान भी ले शकती हैं। इसके साथ ही पूरा कचरा खाने वाली गायों का दूध भी एक तरह से जैसे हिला ही होगा जो इसका सेवन करेगा उसके स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव ही डालेगा । इन सब के बावजूद गौशाला के गायों को सड़क पर आवारा पशुओं की तरह छोड़ दिया जाता है जिससे वह दिन भर कूड़ा कचरा खाती हैं । सबसे बड़ी बातें है कि भू गौशाला का बजट लाखों रुपए सुपर है जिसमें उनका चारा पानी भी शामिल है । सरकार द्वारा पशुओं के लिए अच्छा अच्छा खासा धनराशि देने के बावजूद पशुओं को इस तरह से खुले में खाने पीने के लिए छोड़ना कहां तक उचित है। नहीं उठा भू पी आर ओ का अखबार के प्रतिनिधि ने जब गौशाला की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो राजेश सिंह के मोबाइल नंबर पर संपर्क करना चाहा तो वह फोन ही नहीं उठा रहे थे इतने बड़े संस्था का पीआरओ अगर किसी का फोन ही रिसीव नहीं कर रहा है तो उस संस्था के बारे में क्या कहा जा सकता है।