भ्रष्टाचार का केस दर्ज, आरोपी दरोगा और दोनों सिपाही फरार- मैनेज करने का प्रयास भी किया
गोरखपुर। एम्स इलाके की जगदीशपुर पुलिस चौकी में युवक को पीटने और प्रताड़ित करके रुपये वसूलने के आरोपी दरोगा और दोनों सिपाही केस दर्ज होते ही चौकी से लापता हो गए हैं। आरोपियों ने पीड़ित युवक को किसी तरह से मैनेज करने का प्रयास किया। उसके परिचितों पर भी दबाव बनवाया। पूर्व में चौकी पर तैनात रहे पुलिसकर्मियों ने भी इस मामले को खत्म करने की पहल की। लेकिन जांच रिपोर्ट एसएसपी के पास पहुंच चुकी थी। एसपी सिटी भी पीड़ित से घटना की जानकारी ले चुके थे। कुसम्ही के रुद्रापुर निवासी विनय शर्मा ने शुक्रवार को पुलिस कार्यालय पहुंचकर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर को बताया था कि उसके भाई अजीत शर्मा और कुशीनगर जिले के कुबेस्थान क्षेत्र में रहने वाले वशीन्दर सिंह के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद है। वशीन्दर ने जगदीशपुर पुलिस चौकी पर इस मामले में तहरीर दी। 30 मई को दोपहर 12 बजे जगदीशपुर पुलिस चौकी प्रभारी रमेश कुशवाहा, सिपाही अमित यादव व अजय चौहान उनके घर पहुंचे और भाई अजीत के बारे में पूछा। उसके घर पर न होने पर गाड़ी में बैठाकर चौकी पर ले गए। ात में 12 बजे पिटाई करने के साथ ही रुपये नहीं देने पर फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने लगे। 10 हजार रुपये वसूलने के बाद 31 मई की शाम को पुलिस चौकी से छोड़ा गया। फिर 40 हजार रुपये और मांगे जा रहे हैं। सोमवार को जगदीशपुर पुलिस चौकी पर पहुंची सीओ अंशिका वर्मा ने जांच कर अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी। जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद एम्स थाना में चौकी प्रभारी रमेश कुशवाहा, सिपाही अमित यादव, अजय चौहान व एक दलाल पर मारपीट कर रंगदारी मांगने व भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया। उधर एसएसपी ने आरोपी दरोगा और सिपाहियों को निलंबित कर दिया। केस दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपी पुलिसकर्मी चौकी से लापता हो गए हैं।