वाराणसी में 7 दिनों से तेंदुए का खौफ

वाराणसी में 7 दिनों से तेंदुए का खौफ

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी में तेंदुए की दहशत गौराकला गांव से सारनाथ तक के लोगों तक पहुंच गया है। पिछले रात गांव के लोगों ने तेंदुआ देखने का दवा किया और भीड़ इकट्ठा हो गयी। हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति को संभाला काफी तलाश के बाद पता चला कि कोई अन्य जानवर फूल के खेत में दौड़ रहा था। फिलहाल गांव में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों के के अनुसार तेंदुए कहीं और चला गया है, फिर भी किसी साक्ष्य के अभाव में ग्रामीणों में अभी भी भय बरकरार है। कहीं तेदुए की कोई आहट न मिलने या किसी जानवर आदि को नुकसान पहुंचाने की सूचना न मिलने से वन विभाग उसके चले जाने को लेकर लगभग आश्वस्त है। फिर भी ग्रामीणों की संतुष्टि के लिए गांव व आसपास के क्षेत्रों में ट्रैप कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। वन संरक्षक रवि कुमार सिंह ने बताया कि तेंदुए के चले जाने की संभावनाओं के बाद भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है। सर्विलांस टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय हैं तथा ट्रैप कैमरे जगह-जगह लगाए गए हैं, क्षेत्र में ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। एक वन विभाग के कर्मी ने बताया तेंदुए की उपस्थिति होने या चले जाने के बारे में बहुत स्पष्ट कुछ कहना उचित नहीं हैै। इसके लिए अभी प्रामाणिक साक्ष्य नहीं मिले हैं। टीम पूरी सर्तकता से तैनात है। आसपास के क्षेत्र से उसके होने या जानवरों के खाने के उपरांत उनके शव के अवशेष मिलने की भी कहीं से कोई सूचना नहीं आई है। कांबिंग लगातार जारी है तथा सर्विलांस टीमों को सक्रिय रखा गया है। बुधवार को तेंदुए की उपस्थिति को लेकर अफवाहें भी कम रही। वन विभाग की टीम गौराकला एहतियात के तौर पर अभी लगी है।

प्रदीप मौर्या ने प्रशासन पर खड़े किए सवाल: गौराकल कामाख्या नगर कालोनी में 23 मई की सुबह साढ़े नौ बजे तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल प्रदीप मौर्य (अमित) निवासी नवापुरा शंकरपुर पांच दिन के उपचार के बाद बुधवार को घर आ गए।

उन्होंने बतया कि कि वह खेत में फूल तोड़ने गए थे, तभी उसमें छिपे तेंदुए ने हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि घायल होने के बाद वह पंडित दीनदयाल अस्पताल में लगभग साढ़े ग्यारह बजे दिन में ही पहुंच गए थे लेकिन उपचार के लिए चिकित्सक देर शाम को आए। महादेव कालेज के प्रबंधक ने पैसा जमा कर हम सभी घायलों को प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया, तब थोड़ी राहत मिली।