इस बार अद्भुत होगा काशी का देव दीपावली: 21 लाख दीपों से जगमगाएंगे घाट, पर्यटन मंत्री होंगे मुख्य अतिथि
वाराणसी (रणभेरी): कार्तिक माह में हर साल शिव की नगरी काशी में देव दीपावली का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसे त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसकी खुशी में इस त्योहार को मनाया जाता है 7 नवंबर को काशी में देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है जिसकी तैयारियां अंतिम रूप ले चुकी हैं।
काशी की देव दीपावली इस बार नव्य स्वरूप काशी वासियों के लिए भी अनोखी होगी इस बार काशी से जुड़े महान सपूतों को पहला दीप अर्पित किया जाएगा साथ ही घाट, कुंड और सरोवरों पर 21 लाख दीपों की रोशनी की आभा दीप मालिकाओं का स्वर्णिम संसार रचेगी। काशी समेत देश-विदेश की जनता इस अद्भुत पलों को देखकर साक्षी भी बनेगी गंगा सेवा समिति की ओर से बताया गया की इस बार देव दीपावली में 21 लाख दिए जलाकर रिकॉर्ड बनेगा और काशी समेत देश-विदेश की जनता इस अद्भुत पलों की साक्षी बनेगी। इस बार यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह राजघाट पर देव दीपावली कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। प्रोटोकॉल के मुताबिक, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह सोमवार दोपहर एक बजे वाराणसी आएंगे। दो बजे से दुर्गाकुंड स्थित इस्कॉन मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद शाम पांच बजे राजघाट पहुंचेंगे। देव दीपावली कार्यक्रम के बाद सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। मंगलवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद सड़क मार्ग से लखनऊ रवाना होंगे।
वाराणसी के राजघाट पुल पर लगी आकर्षक फसाड लाइटें भी चमक बिखेर रही हैं। विद्युत विभाग और स्मार्ट सिटी द्वारा राजघाट पुल के गाडर पर जगह जगह रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। इसके गंगा नदी और खिड़किया घाट पर प्रकाश रहेगा। जिला प्रशासन की ओर से 10 लाख दीप और काशीवासियों के सहयोग से 11 लाख दीपक जलाए जाएंगे। अस्सी घाट से सामनेघाट तक 108 स्थानों पर देव दीपावली महोत्सव होगा। काशी के पंचक्रोशी परिक्रमा पथ के तहत ग्रामीण व शहरी इलाकों में 101 स्थानों पर देव दीपावली महोत्सव का आयोजन पहली बार होगा। अमृत महोत्सव में 75 वर्ष पर रंगोली, चित्र, पोस्टर की सजावट होगी। गंगा सेवा निधि की ओर से देव दीपावली महोत्सव अमर वीर योद्धाओं को समर्पित होगा। आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित महोत्सव के साथ ही आकाशदीप का भी समापन होगा। सात नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर अमर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। एक लाख दीपों से घाट और भवनों का कोना-कोना जगमग होगा। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि तीन दशक से देव दीपावली का आयोजन हो रहा है। ‘एक संकल्प गंगा किनारे’ से महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को मां गंगा के तट पर संकल्प दिलाया जाएगा। 5.20 बजे महोत्सव का शुभारंभ निधि के संस्थापक पं. सत्येंद्र मिश्र को पुष्पांजलि अर्पित कर होगा। 21 ब्राह्मण, 42 कन्या और पांच डमरू दल के सदस्य मां गंगा की महा आरती उतारेंगे।देव दीपावली पर वीवीआईपी दौरे को लेकर शनिवार को ट्रैफिक सभागार में पुलिस आयुक्त ने मातहतों संग बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस दौरान गंगा में जल पुलिस, एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया। वहीं, गंगा घाटों पर पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देशित किया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा कि जल और थल दोनों से गंगा घाटों पर कड़ी निगहबानी होगी।मातहतों को निर्देशित किया कि ड्रोन कैमरे कहीं से न उड़े। बैरिकेडिंग के बाहर कोई न आए। पर्यटकों संग दुर्व्यवहार न हो। बुजुर्ग, महिलाओं और असहाय की मदद करें। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह, डीसीपी काशी आरएस गौतम, डीसीपी वरुणा आरती सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।देव दीपावली पर पहली बार चेत सिंह घाट की दीवारों पर थ्री डी प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिये धर्म का व्याख्यान होगा। काशी आने वाले पर्यटक मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण व देव दीपावली का कथा सुन सकेंगे। गंगा की गोद में लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो के माध्यम से भगवान शिव के भजनों की प्रस्तुति भी होगी। 20 मिनट का शो कई बार दिखाया जाएगा, जिससे देव दीपावली पर वाराणसी के घाटों पर आने वाले सभी श्रद्धालु देख सकेंगे।मॉडर्न स्टेज सर्विसेज के अनुभव गुप्ता के अनुसार, पांच दिन के रिकॉर्ड समय में गंगा अवतरण, देव दीपावली की धार्मिक जानकारी और शिव भजनों के 5-6 ट्रैक शूट कर अंतिम रूप दिया गया है। टेक्नीशियन व इंजीनियर मिलाकर 250 से अधिक लोगों की टीम लगी है। इस शो का प्रोजेक्शन 20 लेजर प्रोजेक्टर के माध्यम से होगा। इसमें संगीत की ध्वनि के साथ लेजर और लाइट्स का एक अनूठा तालमेल देखने को मिलेगा।