काशी में अतिथियों का स्वागत डमरू दल करेगा, ई-बस से करेंगे शहर का भ्रमण

काशी में अतिथियों का स्वागत डमरू दल करेगा, ई-बस से करेंगे शहर का भ्रमण

वाराणसी (रणभेरी):  वाराणसी में एक महीने तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम् की 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने पर्यटन से जुड़े नाविक, ई-रिक्शा चालक, टूरिस्ट गाइड, होटल, सिविल डिफेंस से कहा कि सभी काशी-तमिल संगमम में आने वाले लोगों के स्वागत की मिसाल पेश करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल स्वागत होगा बल्कि इसका संदेश पूरे देश में जाएगा वह उनके व्यवसाय को कई गुना बढ़ाएगा। साथ ही शहर को देव दीपावली की तरह सजाया जाएगा। सभी पर्यटक एक स्थान से दूसरे स्थान तक इलेक्ट्रिक बस से जाएंगे। अतिथियों का स्वागत पुष्प वर्षा और डमरू दल करेंगे। तमिलनाडु से आने वाले अतिथियों के स्वागत के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तैयारी की है। इसे लेकर पार्टी की गुरुवार को चार बैठकें सर्किट हाउस में हुई। तय किया गया कि अतिथियों का पूरे कार्यक्रम में भव्य स्वागत किया जाएगा।

भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि काशी दो पौराणिक संस्कृतियों के मिलन का गवाह बनने जा रही है। कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत परिकल्पना को साकार किया जाएगा। क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने बताया कि सभी वार्ड से 200 कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भाग लेंगे। बैठक में मीना चौबे, अशोक चौरसिया, हंसराज विश्वकर्मा आदि थे। आने वाले अतिथियों को काशी भ्रमण में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए 60 गाइडों को तैयार किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से इन गाइडों को बकायदा तमिल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पर्यटन स्थलों को लेकर सामान्य जानकारी व आमतौर पर प्रयोग में आने वाले शब्दों की समझ पर फोकस होगा। प्रयास है कि गाइडों को तमिल की इतनी समझ हो जिसे वह कम से कम टूटी-फूटी भाषा में बोल सकें। बनारस में तमिल बोलने व समझने वाले लोगों का सहयोग लिया जाएगा। इस बारे में गाइडों को जानकारी दी जा रही है। संगमम का मुख्य आयोजन बीएचयू के एम्फी थिएटर हो रहा है। प्रधानमंत्री के 19 नवंबर को उद्घाटन करेंगे। इसके बाद 20 नवंबर कोई भी आम नागरिक वहां चलने वाली प्रदर्शनी और शाम को होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए जा सकता है।