महाकुंभ छोड़ने के बाद काशी के मणिकर्णिका घाट पर भस्म लगाए दिखे IIT बाबा, विदेशी टूरिस्ट को समझा रहे अध्यात्म
वाराणसी (रणभेरी): प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान, एक नाम हर किसी की जुबां पर छाया हुआ है - IIT बाबा। असली नाम अभय सिंह, ये बाबा अपने अनोखे अंदाज, लाइफस्टाइल , सोशल मीडिया पर बढ़ती फैन फॉलोइंग और विवादों के कारण सुर्खियों में हैं। कभी चिलम जलाते, तो कभी डांस करते, IIT Baba की कहानी उनके इंजीनियरिंग के सफर से आध्यात्मिक दुनिया तक की यात्रा को दर्शाती है।
इस समय आईआईटी वाले बाबा महाकुंभ छोड़कर वह अब काशी के घाट पर दिख रहे हैं। इनके 2 वीडियो सामने आए हैं। पहले वीडियो में आईआईटी वाले बाबा गंगा नदी के मणिकर्णिका घाट पर भस्म लगाकर कुछ नागा साधुओं के साथ बैठे है। दूसरे वीडियो में वह विदेशी टूरिस्ट को अध्यात्म के बारे में बताते दिख रहे हैं। यह दोनों वीडियो 4 दिन पुराने बताए जा रहे हैं। इसमें अस्सी और तुलसी घाट दिख रहे हैं। इंस्टाग्राम पर 19 जनवरी को वॉट्स योर राशि नाम की यूजर ID से पोस्ट की गई है।
अभय एक वीडियो में कह रहे हैं- मेरा जन्म स्थान हरियाणा है। लेकिन अगर मैं कहीं से होता तो यहां नहीं बैठा होता। उन्होंने बताया कि इससे पहले मैंने चारो धाम की पदयात्रा कर चुका हूं। अब वाराणसी आ गया। हर रोज 20 किलोमीटर चलता हूं। मैं कानों में एयरफोन लगाकर भजन सुनता हूं, ताकि ध्यान न भटके। एक इंटरव्यू में IIT वाले बाबा से पूछा गया कि क्या अब वह खुद को शिव और श्रीकृष्ण के रूप में दिखाना चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि भगवान तो सभी के अंदर हैं तो सभी को पता क्यों नहीं हैं। अगर सभी भगवान हैं, तो हमें क्यों नहीं पता हम भगवान हैं। मैं उस सच्चाई को बोल रहा हूं। अहम ब्रह्मास्मि तो बोल ही रहा हूं। यही बात तो शंकराचार्य ने भी बोला था। तब किसी ने उनसे क्यों नहीं पूछा कि वह खुद को भगवान बता रहे हैं। कोई जब शिवोहम बोलता है तो उसका मतलब यही है न कि मैं शिव हूं।
IIT वाले बाबा की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत वाराणसी से हुई। यहां उन्होंने खुद को भगवान शिव और कृष्ण का अवतार बताया, जिसने उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया। लेकिन उनका जीवन तब बदला जब उनकी मुलाकात संत सोमेश्वर पुरी से हुई।संत सोमेश्वर ने अभय सिंह में आध्यात्मिक क्षमता को पहचाना और उन्हें जूना अखाड़ा में शामिल कराया। यहीं से अभय सिंह का जीवन एक साधारण युवा से IIT बाबा बनने की ओर बढ़ा।