शेविंग में लापरवाही कहीं एड्स को न दे दे एंट्री !

शेविंग में लापरवाही कहीं एड्स को न दे दे एंट्री !

वाराणसी (रणभेरी सं.)। युवाओं में तेजी से टैटू बनाने का क्रेज बढ़ा है। टैटू शॉप से लेकर सड़क छाप कारीगरों से युवा अपने शरीर पर नाम व प्रतीक चिन्ह छपवा रहे हैं। टैटू बनाने में यूज होने वाले सूई महंगे होते हैं इसलिए एक ही सूई से कई लोगों टैटू बनाते हैं। टैटू गोदवाने, सेविंग में ब्लेड न बदलने से लोग संक्रमण की गिरफ्त में आ रहे हैं। खासकर फैशन के ट्रेंड के साथ चलने वाले युवा इसके सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। युवाओं में टैटू के चलन से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। लोग अप्रशिक्षित से टैटू बनवाते हैं, जो संक्रमित सुई का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा ब्लेड न बदलकर सेविंग कराने कराने और नवजात को हेपेटाइटिस बी और सी का टीका न लगवाने से भी लोग संक्रमित मिल रहे हैं। इससे बचाव के लिए बच्चा पैदा होने के तत्काल बाद हेपेटाइटिस बी-सी का टीका लगवाएं। टैटू और दाढ़ी बनवाते समय अपने सामने सुई और ब्लेड का प्रयोग करवाएं।

प्रॉपर हाइजीन का नहीं रखते हैं ख्याल

डॉक्टर ने बताया कि टैटू बनाने वाले व्यक्ति जहां टैटू बनाते हैं वहां प्रॉपर हाइजीन का ख्याल नहीं रखते हैं। टैटू बनाने से मेडिकल गाइड लाइन का पालन होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति बीपी, स्कीन एलर्जी या अन्य बीमारी से पीड़ित है तो उसे टैटू बनाने से बचना चाहिए। टैटू बनाने वाले जगह पर सैनिटाइज होना आवश्यक है। मगर पटना में सड़क किनारे बनाने वाले लोग सैनिटाइज तो दूर की बात है मेडिकल गाइड लाइन का भी पालन नहीं करते हैं। ऐसे में लोग प्रभावित हो सकते हैं।

टैटू हटाने में होती है समस्या

वेस्टर्न देशों की देखा-देखी वाराणसी में भी टैटू का काफी चलन है। आज के युवाओं के बीच टैटू का प्रचलन है। लोगों के बीच टैटू बनाने का काफी क्रेज बढ़ता जा रहा है। मगर एक बार टैटू बन जाए तो उसे हटाना इतना आसान नहीं है। पैसे वाले लोग अपनी कलाई, गर्दन या फिर पैर पर टैटू बनवाना काफी पसंद करते हैं। कई बार लोग इन टैटू की वजह से काफी परेशान भी होते हैं और इन्हें हटाना चाहते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि परमानेंट टैटू को हटाने के विधि हो सकते हैं । एक है सर्जिकल दूसरा तरीका है नॉन- सर्जिकल.टैटू रिमूवल क्रीम मिलती है जिसे अगर आप नियमित टैटू वाली जगह पर लगाएंगे, तो धीरे-धीरे आपका टैटू हल्का होकर साफ हो जाएगा। लेजर विधि है के त्वचा पर लाइट की किरण डालकर टैटू की इंक को खत्म किया जाता है।

उपचार में देरी जानलेवा हो सकती है

डॉक्टरों ने बताया कि हाल ही में अगर कोई व्यक्ति टैटू बनवाए हैं तो एक बार एचआईवी जांच जरूरी करा लें। पैसे बचाने के चक्कर सावन के मेले सैकड़ों की संख्या में लोग टैटू बनवाए हैं। ऐसे व्यक्ति संक्रमित तो नहीं है इसकी जांच के लिए एचआईवी जांच जरूर करानी चाहिए। ताकि यदि किसी लापरवाही के चलते उन्हें संक्रमण हुआ हो तो वह उसका तत्काल उपचार शुरू कर सकें। उपचार में देरी जानलेवा हो सकती है।

ऐसे होते हैं पॉजिटिव 

डॉक्टर कहते हैं कि समस्या के मूल में संक्रिमित सुई के प्रयोग से टैटू बनाना है। दरअसल टैटू जिस सुई से बनायी जाती है वह काफी महंगी होती है। नियमत: तो किसी एक का टैटू बनाने के बाद उस सुई को नष्ट कर देना चाहिए पर अधिक कमाई के चक्कर में टैटू बनाने वाले एक ही सुई का इस्तेमाल कई लोगों का टैटू बनाने में करते हैं। उधर टैटू बनवाने वाले लोग इस खतरे से अनभिज्ञ होते हैं। वह यह भी नहीं देखते कि टैटू बनाने वाले ने मशीन में नई सुई लगायी है या नहीं। ऐसे में यदि किसी भी एचआईवी संक्रमित का उस सुई से टैटू बना होगा तो अन्य लोगों में एचआईवी का खतरा होने की पूरी संभावना होती हैं