भारतीय संस्कृति के नाश में बॉलीवुड की बड़ी भूमिका

भारतीय संस्कृति के नाश में बॉलीवुड की बड़ी भूमिका

वाराणसी (रणभेरी सं.)। भागवत वक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भारतीय संस्कृति का नाश करने में बॉलीवुड की भूमिका सबसे बड़ी है। हालांकि उन्होंने गोधरा कांड पर बनी फिल्म साबरमती एक्सप्रेस सभी को देखने को कहा। संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत लॉन में चल रहे सिय-पिय मिलन महामहोत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने व्यासपीठ का पूजन किया। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी कथा श्रवण को पहुंचे थे।

कथा में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि संत की पहचान उसके भेष से नहीं बल्कि कर्म से ही होती है। भगवा या धवल वस्त्र धारण कर लेने से कोई संत नहीं बनता, सच्चा संत मान-अपमान दोनों सहन कर लेता है, दूसरे के दु:ख पर करुणा करने वाला हो, जीव को कष्ट में देख दयालु भाव रखने वाला होता है। ब्रह्मलीन पूज्य संत श्रीनारायण दास भक्तमाली (बक्सर वाले मामा जी) की सद्प्रेरणा से आयोजित महामहोत्सव में उन्होंने कहा कि सच्चे संत का सानिध्य मिलता है तो चंचल मन सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है।

कथावक्ता ने कहा कि सनातनियों को अपूज्य की पूजा नहीं करनी चाहिए, दु:खद यह कि आज गुरुवार को पीर बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने वाले हिंदू की संख्या मुस्लिमों से ज्यादा हैं। सच्चे सनातनी पीर पर चादर नहीं, महावीर पर सिंदूर चढ़ाते हैं। भागवत महिमा का बखान करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भागवत प्रेमभाव से सुनने की कथा है, स्वयं भूतभावन काशी विश्वनाथ कैलाश छोड़कर भगवत कथा सुनने आते है। जिसके जीवन में कथा नहीं है, वहां विश्वास की कमी है।

 काशीवासियों की पहुंच प्रधानमंत्री तक

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि काशी वाले बहुत खास है क्योंकि इनकी पहुंच सीधे प्रधानमंत्री तक है। यही कारण है कि सनातन बोर्ड की मांग यहां से बार-बार हो रही है। इस अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पं. श्रीकांत मिश्र, विंध्याचल धाम के पुजारी अगस्त द्विवेदी, सिया दीदी, संजय सिंह बबलू, अशोक अग्रवाल गुरुकृपा, दीपक बजाज मिंटू सिंह, अशोक सिंह, मनीष श्रीवास्तव, अमित विश्वकर्मा, सीताराम चतुवेर्दी, अजीत राय, सुरेश तुलस्यान, वेद अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, अजय शर्मा अज्जू आदि मौजूद थे।

राजकुमारों को देख निहाल हुई जनकपुरी

महामहोत्सव के दौरान चल रही रामलीला में मंगलवार को श्रीराम, लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी के भ्रमण को निकलते हैं। उनके अद्भुत, अलौकिक सौंदर्य को देखकर जनकपुरवासी निहाल हो गए। 
इस अवसर पर बक्सर वाले मामाजी द्वारा रचित गीत ह्यमिथिला में आई विश्वामित्र मुनिराई, भजमन सिया रघुराई जैसे मंगलगीत गाकर दोनों राजकुमारों का स्वागत किया गया। इसके अलावा दिनभर विविध धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे। बुधवार को प्रात: 10 बजे से कथास्थल पर फुलवारी की लीला का मंचन होगा। शाम को धनुष यज्ञ की लीला होगी।

भागवत प्रेमभाव से सुनने की कथा है

कथावक्ता ने कहा कि सनातनियों को अपूज्य की पूजा नहीं करनी चाहिए, दु:खद यह कि आज गुरुवार को पीर बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने वाले हिंदू की संख्या मुस्लिमों से ज्यादा हैं। सच्चे सनातनी पीर पर चादर नहीं, महावीर पर सिंदूर चढ़ाते हैं। भागवत महिमा का बखान करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भागवत प्रेमभाव से सुनने की कथा है, स्वयं भूतभावन काशी विश्वनाथ कैलाश छोड़कर भगवत कथा सुनने आते है। जिसके जीवन में कथा नहीं है, वहां विश्वास की कमी है।

देवकीनंदन ने काशी के जाम पर जताई चिंता

देवकीनंदन ने काशी के जाम पर भी बोला उन्होंने कहा कि काशी में जाम इतना है कि उसके चक्कर में मैं भी लेट आया और सुनने वाले श्रोता भी लेट में आ रहे हैं।