योगी की पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर ठग
वाराणसी(रणभेरी)।डिजिटल युग में साइबर अपराध लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। देश के हर राज्य में साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों तक को अपना शिकार बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए हैं। इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है। साइबर ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की है। वहीं प्रदेश के पूर्वांचल ज़िलों की बात करें तो पूर्वांचल साइबर अपराधों का ठिकाना बनती जा रहा है। आंकड़ों का आकलन बताता है कि हर साल नियंत्रण की जगह ठगी के शिकार लोगों की संख्या और राशि बढ़ रही है।
केस 1
डराकर उड़ा दिये साढ़े तीन करोड़
बीते आठ मार्च को बनारस निवासी रिटायर्ड शिक्षिका शम्पा रक्षित को अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को टेलिकाम रेगुलेटरी अथार्टी से बताया। कहा कि दो घंटे में आपका फोन बंद हो जाएगा। पुलिस जांच कर रही है। फिर दूसरे नंबर से फोन आया। उसने अपना नाम विनय चौबे और खुद को मुंबई के विले पार्ले थाने में तैनात बताया। एक मोबाइल नंबर बताते हुए कहा कि आपने घाटकोपर से यह नंबर लिया है। इस नंबर से अवैध काम कर रही हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने जांच के नाम पर बैंक खातों की जानकारी ली। साथ ही 3.55 करोड़ स्थानांतरित करवा लिये।
केस 2
दुष्कर्म में गिरफ़्तारी का डर दिखाकर ऐंठ लिये पैसे
मिर्जापुर के कटरा कोतवाली क्षेत्र के टंडनपुरी कॉलोनी निवासी मनोज कुमार श्रीवास्तव को 27 फरवरी को साइबर ठगों ने डरा दिया। कहा कि आपके लड़के को दुष्कर्म में गिरफ्तारी से बचाने के लिए डेढ़ लाख रुपये चाहिए। मनोज ने बिना किसी से पूछे रुपये भेज दिये। इसी तरह मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रविनगर कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति से जनवरी 2024 में साइबर ठगों ने उनके लड़के को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर 80 हजार रुपये मांगे। वह पुलिस के पास पहुंचे और ठगी से बच गये।
केस 3
बेटे को छुड़ाने के नाम पर ले लिए 1.5 लाख
बलिया के नगरा में एक व्यक्ति को फोन आया। उसके पुत्र को दुष्कर्म में पकड़े जाने की बात कही और मदद के लिए डेढ़ लाख रुपये एकाउंट में भेजने को कहा, ताकि बेटे को छुड़ाया जा सके। बेटे के घर आने पर जानकारी हुई।
केस 4
पुलिस अधिकारी बन मंगवाए 3.40 लाख
लोहता के कोरौती गांव के अजय सिंह का बेटा बीएसएफ में है। ठगों ने पुलिस अधिकारी की फोटो लगी डीपी वाले व्हाट्सएप नंबर से फोन किया था। कहा कि आपके बेटे को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा। अजय सिंह ने मित्रों से रुपये लेकर 3.40 लाख भेजे। बेटे से बात की तो ठगी का पता चला।
केस पांच
गिरफ्तारी का डर दिखा लिये 30 हजार
आजमगढ़ के तहबरपुर के कोटेदार विजय यादव को उनके पुत्र पर दुष्कर्म में गिरफ्तारी की तलवार का डर दिखा कर साइबर ठगों ने तीन बार में 10-10 हजार रुपये लिये। क्रिकेट खेलने गया बेटा जब शाम को वापस आया, तब साइबर ठगी की जानकारी हुई।
जागरूकता जरूरी
जिस तरह देश में डिजिटल इकोनॉमी आगे बढ़ रही है। ऐसे में अपराध का तौर तरीका भी बदल गया है। साइबर सेंधमारी में बैकिंग ठगी, ऑनलाइन फ़्रॉड, निजता का उल्लंघन प्रमुख हैं। यूपी पुलिस ने साइबर जलसाजों से निपटने के लिए जिला स्तर पर साइबर सेल का भी गठन किया है। लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से ऐसे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर सेंधमारी से बचाव के लिए डिजिटल साक्षरता अहम जरिया साबित हो सकता है। वहीं पुलिस को भी साइबर धोखाधड़ी से निपटने सख्त कदम उठाना होगा।