बदहाल सफाई व्यवस्था का कौन है जिम्मेदार ?

बदहाल सफाई व्यवस्था का कौन है जिम्मेदार ?
  • आंकड़ेबाजी में अव्वल है वाराणसी नगर निगम 
  • मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की होती है अनदेखी 
  • पूर्वाग्रह से ग्रसित पार्षदों का रवैया है शर्मनाक 

वाराणसी(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 वर्ष पूर्व 2 अक्टूबर, 2014 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिवस के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा शहर को साफ-सुथरा बनाए रखना था। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने सैकड़ो करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए। तरह तरह के माध्यमों से आम जनमानस को जागरूक भी बनाया गया। इस अभियान के नाम पर खर्च किये सैकड़ो करोड़ रुपए के पीछे का एक सच यह भी है की स्वच्छता अभियान के प्रचार-प्रसार और जागरूकता फैलाने के नाम पर विभागीय अधिकारियों ने जमकर लूट मचाया परन्तु विभागीय भ्रष्टाचार की बदौलत 7 वर्षो तक सतत चलाये गए अभियान के बाद भी समस्या जैसी की तैसी रह गयी। 

देश भर में चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की तस्वीरें ही काफी है जो इस अभियान की पोल खोलने के साथ-साथ सफलता-असफलता की दास्तान बयां कर रही हैं। रणभेरी की पड़ताल में यह बात निकलकर सामने आती है कि दरअसल इस अभियान की असफलता के सबसे बड़े जिम्मेदार वो लोग है जिन्होंने निरंतर एक बड़े बजट में सेंध लगाने के मकसद से शुरू से आंकड़ो की बाजीगरी में सरकार से लेकर जन प्रतिनिधियों तक को उलझाकर भ्रमित किया। 

वाराणसी की हकीकत तो यही है की जहा एक ओर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने वाराणसी में कागज पर स्वच्छता अभियान को सफल दिखाया वही दूसरी ओर भाजपाईयों ने पार्टी के बड़े नेताओं के आगमन पर चापलूसी के लिए समय-समय पर कैमरे के सामने खूब झाडू लगाया। शर्मसार करने वाली बात तो यह है की वाराणसी में स्वच्छता अभियान के मामले में भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों की अनदेखी की जाती है। भ्रष्टाचार की आगोश में आकंठ डूबे नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी हो या फिर पूर्वाग्रह से ग्रस्त स्थानीय पार्षद हो किसी ने भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के साथ इन्साफ नहीं किया। आज भी शहर में इन इलाकों के लोग मुकम्मल सफाई व्यवस्था की आस देखते है। 

वाराणसी की बदहाल सफाई व्यवस्था के खिलाफ रणभेरी ने शुरू कर दिया है एक आजाद मुहिम। हम करेंगे विभागीय आंकड़ेबाजी की वास्तविक पड़ताल और दिखाएँगे कि कितना सफल हुआ है स्वच्छ भारत अभियान। हम यह भी बताएँगे कि वाराणसी नगर निगम के अधिकारी कैसे करते है सफाईकर्मियो का शोषण और कैसे वसूली जाती है दस्तूरी ? तो आप भी बनिए रणभेरी के इस आजाद मुहिम का हिस्सा। हम बनेंगे आपकी आवाज।