वाराणसी में पितृपक्ष पर बदला ट्रैफिक नियम, रात 10 से सुबह 8 बजे तक का नया रूटमैप हुआ जारी

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में पितृपक्ष को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बड़ी राहत दी है। अब अगले 15 दिनों तक प्राइवेट और टूरिस्ट बसों पर लगाया गया प्रवेश प्रतिबंध हटा लिया गया है। रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक बसों का शहर में प्रवेश पूरी तरह से मुक्त रहेगा, वहीं दिन में भी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बसों के लिए विशेष मार्ग तय किया गया है।
यह होगा बसों का रूट
एडीसीपी ट्रैफिक अंशुमान मिश्रा ने बताया कि बसें लहरतारा से कैंट ओवरब्रिज होते हुए लकड़ी मंडी, गोलगड्डा चौराहा, कज्जाकपुरा, भदऊचुंगी मार्ग से भैंसासुर घाट तक पहुंचेंगी। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि शहर के भीड़भाड़ वाले हिस्सों पर दबाव न पड़े और यातायात प्रभावित न हो।
डाबर रोड पर बस खड़ी करने पर रोक
प्रशासन ने सभी बस चालकों और संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में बसों को डाबर रोड पर खड़ा न करें। बसों को केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही खड़ा करना अनिवार्य होगा। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
पहले यात्रियों को उठानी पड़ती थी परेशानी
ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए पहले प्रशासन ने बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके कारण श्रद्धालुओं और यात्रियों को शहर की सीमा से आगे छोटे वाहनों का सहारा लेना पड़ता था। अब पितृपक्ष के विशेष मौके पर यह रोक अस्थायी रूप से हटा दी गई है।
पितृपक्ष का महत्व और श्रद्धालुओं की भीड़
पितृपक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत पावन माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं। मान्यता है कि काशी में किया गया पिंडदान विशेष फलदायी होता है और पितरों को मोक्ष दिलाता है। इसी कारण देशभर से लाखों श्रद्धालु इस अवधि में वाराणसी पहुंचते हैं।