Chaitra Navratri: इस बार 8 दिनों का नवरात्र, 10 साल बाद बन रहा खास संयोग

वाराणसी (रणभेरी सं.)। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र की शुरूआत हो रही है। 30 मार्च को शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र व हिंदू नववर्ष के राजा और मंत्री सूर्य हैं। यह संयोग 10 साल बाद बन रहा है। काशी में चैत्र नवरात्र में नौ दुर्गा और नौ गौरी की पूजा का विधान है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन और आराधना शुरू होगी। पंचमी तिथि का लोप होने के कारण इस बार नवरात्र नौ की जगह आठ दिन का ही होगा। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र की शुरूआत होगी। पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 29 मार्च को शाम 4.27 बजे से होगी और तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12.49 बजे होगा। नववर्ष को कालयुक्त संवत्सवर के नाम से जाना जाएगा।
कलश स्थापना का ये मिलेगा मुहूर्त
वैशाख कृष्णपक्ष तृतीया 15 अप्रैल से नए संवत्सर सिद्धार्थ की शुरूआत होगी, लेकिन संपूर्ण वर्ष कालयुक्त संवत्सर ही मान्य रहेगा। इस वर्ष के राजा सूर्य हैं और नवरात्र की शुरूआत भी रविवार से हो रही है। यह एक दिव्यतम संयोग का निर्माण कर रहा है। मां दुर्गा की पूजा कलश स्थापना के साथ होगी। कलश स्थापना के लिए सुबह से दोपहर तक का मुहूर्त मिलेगा। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि नौ दिनों के नवरात्र में पंचमी तिथि का लोप होने के कारण आठ दिन का ही व्रत और पूजन होगा। अष्टमी तिथि का व्रत पांच अप्रैल और संधि पूजन छह अप्रैल को होगा। नवमी तिथि और नवरात्रि का समापन छह अप्रैल को होगा। श्रीराम जन्मोत्सव भी छह अप्रैल को मनाया जाएगा। इस पक्ष में पंचमी तिथि की हानि होने से यह पक्ष 14 दिन का ही रहेगा। माता का आगमन और गमन हाथी पर होने के कारण यह नवरात्रि शुभ फल देने वाली रहेगी। घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था।