काशी-तमिल संगमम् 4.0: नमो घाट पर भव्य शुभारंभ, सीएम योगी और तमिलनाडु के राज्यपाल पहुंचे काशी
वाराणसी (रणभेरी): काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने वाला काशी तमिल संगमम् 4.0 मंगलवार से शुरू हो रहा है। शुभारंभ का भव्य समारोह नमो घाट पर आयोजित होगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलासनाथन काशी पहुंच चुके हैं। एयरपोर्ट पर सीएम योगी समेत सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया, जिसके बाद वे कार्यक्रम स्थल की ओर रवाना हुए।
इस वर्ष संगमम् की थीम “तमिल करकलाम तमिल सीखें” पर आधारित है। तमिलनाडु से 1400 से अधिक प्रतिनिधियों के काशी आने की पुष्टि की गई है। कार्यक्रम के दौरान काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक कलाकार संयुक्त प्रस्तुति देकर भारतीय संस्कृति के अद्भुत संगम को साकार करेंगे।
सोमवार देर रात तमिलनाडु से आए अतिथियों की पहली स्पेशल ट्रेन बनारस स्टेशन पहुंची। यहां जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ और पारंपरिक स्वागत के साथ प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। कमिश्नर एस. राजलिंगम ने बताया कि संगमम् दो चरणों में 31 दिसंबर तक आयोजित होगा पहला चरण 2 से 15 दिसंबर तक काशी में और दूसरा चरण 16 से 31 दिसंबर तक चेन्नई में।
तमिल भाषा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर
इस बार कार्यक्रम का केंद्रबिंदु “आओ तमिल सीखें” है। आईआईटी मद्रास के विद्या शक्ति पोर्टल के सहयोग से 650 स्कूलों के 15 हजार छात्रों को तमिल सिखाई जाएगी। इसके लिए तमिलनाडु से 50 शिक्षक काशी आए हैं जो स्कूलों में तमिल भाषा, संस्कृति और परंपरा का परिचय कराएंगे।
शुभारंभ कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर दयालु, आईआईटी मद्रास निदेशक प्रो. वी. कामकोटि, बीएचयू कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी और शिक्षा मंत्रालय के सचिव डॉ. विनीत जोशी भी मौजूद रहेंगे। अवसर पर भरतनाट्यम और तमिल नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां होंगी।
अतिथियों का भ्रमण कार्यक्रम
तमिल प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण की शुरुआत हनुमान घाट से होगी, जहां गंगास्नान के बाद वह दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़े मंदिरों में दर्शन करेंगे और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के दर्शन और मां अन्नपूर्णा रसोई में प्रसाद ग्रहण करेंगे। दिन के अंतिम चरण में सभी प्रतिनिधियों को बीएचयू ले जाया जाएगा, जहां वे अकादमिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे और कैंपस के महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे।
काशी तमिल संगमम् का यह संस्करण “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की संकल्पना को आगे बढ़ाते हुए उत्तर और दक्षिण भारतीय संस्कृति के अटूट संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।











