सावधान ! रील्स की लत लगी तो हो जाएगी लाखों की ठगी

सावधान ! रील्स की लत लगी तो हो जाएगी लाखों की ठगी
  • फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स से बचे, वरना गाढ़ी कमाई पलक झपकते ही हो जाएगी साफ
  • सोशल मीडिया रील्स का बढ़ता खतरा, 70 फीसदी निवेश धोखाधड़ी इन्हीं से जुड़ी
  • 30 दिन में 200 फीसदी मुनाफे का लालच, फिर एक क्लिक में खाते से गायब पैसा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। सोशल मीडिया के दौर में रोज़ाना करोड़ों लोग रील्स देखते हैं। चमचमाती कारें, महंगी घड़ियां, विदेशी सैर और रातोंरात अमीर बनने के सपने दिखाती इन छोटी-छोटी वीडियो ने युवा वर्ग को नई तरह की ठगी के जाल में फंसा दिया है। फेसबुक और इंस्टाग्राम की रील्स पर लगातार बढ़ रही निवेश से जुड़ी वीडियो दरअसल साइबर ठगों के लिए आसान शिकार तैयार कर रही हैं। सेबी की चेतावनियों के बावजूद फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स से लोगों की मेहनत की कमाई साफ होती जा रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिटल युग में यह एक नए तरह की ठगी है, जो नकली भरोसे पर आधारित है। साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की ताज़ा रिपोर्ट चौंकाती है। वर्ष 2024 में निवेश धोखाधड़ी के मामलों में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें से 70 प्रतिशत शिकायतें सोशल मीडिया रील्स से जुड़ी हैं। सर्वे कहता है कि 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के 62 प्रतिशत युवा रील्स देखकर बिना जांचे परखे किसी भी ऐप पर निवेश कर बैठते हैं, जबकि अधिकतर ऐप सेबी से पंजीकृत नहीं होते। जांच एजेंसियां बता रही हैं कि ठग सफल निवेशक के रूप में वीडियो बनाते हैं। कभी सेलिब्रिटी जैसा चेहरा दिखाते हैं, कभी गारंटीड रिटर्न का लालच देते हैं, महज 30 दिन में 200 प्रतिशत मुनाफा! लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल में एक संदिग्ध ऐप डाउनलोड हो जाता है। शुरुआत में छोटे रिटर्न दिखाकर भरोसा जीता जाता है, फिर निवेशक से मोटी रकम मंगाई जाती है। पैसे भेजते ही ऐप बंद, अकाउंट ब्लॉक और निवेशक ठगा हुआ।

इनमें से अधिकतर ऐप विदेशी सर्वर से चलते हैं, जिन पर भारतीय कानून की पकड़ कमजोर होती है। विशेषज्ञ साफ चेतावनी देते हैं कि केवल सेबी पंजीकृत प्लेटफॉर्म जैसे मान्यता प्राप्त ब्रोकर्स और आधिकारिक वेबसाइट पर ही ट्रेडिंग सुरक्षित है। यह समस्या केवल व्यक्तिगत हानि तक सीमित नहीं। देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर दिख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 में ऑनलाइन धोखाधड़ी से देश को 1.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें निवेश से जुड़ी ठगी का हिस्सा लगभग 28 प्रतिशत है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक बड़े गिरोह का खुलासा किया, जो हैदराबाद से संचालित हो रहा था। 15 लोग गिरफ्तार हुए, जिन्होंने 500 से अधिक निवेशकों को चूना लगाया। इनके पास फर्जी दस्तावेज, नकली पहचान पत्र और कृत्रिम वीडियो तक मिले। विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी निवेश से पहले सेबी की वेबसाइट पर ब्रोकर या ऐप की पंजीकरण स्थिति ज़रूर जांचें। कम जोखिम, ज्यादा मुनाफा जैसी बातें केवल झांसा होती हैं। सरकार भी सक्रिय है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को फर्जी विज्ञापन हटाने के निर्देश दिए हैं। सेबी लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, जहां बताया जा रहा है कि असली निवेश समय, धैर्य और सही जानकारी मांगता है, न कि रील्स की चमक। अंत में सवाल यही की क्या हम अपनी कमाई को फर्जी सपनों के हवाले कर देंगे?

बचाव के उपाय

केवल सेबी पंजीकृत ऐप या आधिकारिक वेबसाइट से ही निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। किसी भी निवेश प्लेटफॉर्म पर कदम बढ़ाने से पहले उसका पंजीकरण और प्रमाणिकता अवश्य जांचें। सोशल मीडिया पर दिख रही रील्स या वीडियो को केवल मनोरंजन समझें, न कि निवेश संबंधी सलाह। रील्स में दिखाए जाने वाले ऊंचे मुनाफे, लक्जरी जीवनशैली और तेज़ कमाई के दावे अक्सर झांसा होते हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को लालच देकर ठगी के जाल में फंसाना होता है। अगर किसी कॉल, लिंक, ऐप या संदिग्ध योजना पर ज़रा भी संदेह हो, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और कोई वित्तीय जानकारी साझा न करें। याद रखें, ठग भरोसा जीतने के लिए शुरुआत में छोटे-छोटे लाभ दिखाते हैं और फिर बड़ी रकम हड़प लेते हैं। ऐसी किसी स्थिति में फौरन साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें और शिकायत दर्ज कराएं। बुद्धिमानी इसी में है कि निवेश सोच-समझकर और विश्वसनीय स्रोतों से करें। सही निर्णय ही सुरक्षित भविष्य और आपकी मेहनत की कमाई की असली सुरक्षा है।