नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों का कोई एक मुखिया नही
- कानून से भी बेखौफ है सफाई निरीक्षक महेंद्र यादव
- ऊपर से लेकर नीचे तक हर कोई डूबा है भ्रष्टाचार में
- दस्तूरी प्रथा आज भी वाराणसी के नगर निगम में जारी
- लगभग 4000 सफाई कर्मी हैं इसके शिकार।
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अब तक वाराणसी के नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ, किसी भी तरह का कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। हम बात कर रहे हैं वाराणसी नगर निगम में बेखौफियात के साथ चल रहे हैं भ्रष्टाचार की। जो अपने चरम पर पहुंच चूका है। नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों का कोई एक मुखिया नहीं बल्कि ऊपर से लेकर नीचे तक हर कोई इस भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। अभी हाल ही में रणभेरी ने नगर निगम के भ्रष्ट सफाई निरीक्षक महेंद्र यादव के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। वाराणसी नगर निगम के कोतवाली जोन के इस सफाई निरीक्षक के पास ना ही केवल करोड़ों की संपत्ति है, बल्कि यह कानून से भी बिल्कुल बेखौफ हैं।दस्तूरी प्रथा जो की कई साल पुरानी कुप्रथा है वह आज भी वाराणसी के नगर निगम में चलाइ जा रही है।
सफाई कर्मियों के वेतन से अवैध रूप से धन उंगाही वाले,बरसो पुरानी इस कुप्रथा को आज भी वाराणसी नगर निगम में जिंदा रखा गया है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि वाराणसी जो की प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, यहाँ भी भ्रष्टाचार रोज नई अंगड़ाइयां ले रही है। सफाई व्यवस्था में भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को उजागर करना ना ही सिर्फ भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जरूरी है पर इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके शिकार समाज के अंतिम श्रेणी के सफाईकर्मी हैं।
वाराणसी नगर निगम जहां लगभग 4000 सफाई कर्मी काम करते हैं। हर माह उनकी वेतन से यह अवैध वसूली की जाती है। जिसे दस्तूरी प्रथा के नाम से जाना जाता है। रणभेरी अखबार ने वाराणसी नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत कोतवाली जोन के जिन वार्डों से की जाने वाली अवैध वसूली का विवरण प्रकाशित किया था उन वार्डों की पार्षदों की भी राय इस मामले में हमने जानी। यहाँ प्रकाशित है ऐसे कुछ वार्डों के पार्षदों की राय।