स्वास्थ्य केंद्रों पर भी भर्ती होंगे डेंगू के मरीज, DM ने लिया जायजा, स्वास्थ्स अधिकारियों को दी चेतावनी शिथिलता और लापरवाही न बरतें

स्वास्थ्य केंद्रों पर भी भर्ती होंगे डेंगू के मरीज, DM ने लिया जायजा, स्वास्थ्स अधिकारियों को दी चेतावनी शिथिलता और लापरवाही न बरतें

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी जिले में डेंगू मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।स्थिति यह है कि इस समय कुल मरीजों की संख्या 275 तक पहुंच गई है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अब स्वास्थ्य केंद्रों (प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर भी डेंगू के मरीज भर्ती किए जाने का निर्णय लिया गया है। इससे बेड के संकट की परेशानी भी बहुत हद तक दूर हो जाएगी। मंगलवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मरीजों का बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया।

विकास भवन सभागार में बैठक में जिलाधिकारी ने मरीजों के इलाज के बारे में जानकारी मांगी तो सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने अब तक की गई व्यवस्था की जानकारी दी। साथ ही टेलीमेडिसिन व्यवस्था को और सुदृढ़ करने को कहा। जांच-इलाज में फैली दुर्व्यवस्थाओं को लेकर नए जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने स्वास्थ्स अधिकारियों को चेतावनी दी। कहा कि शिथिलता और लापरवाही न बरतें। अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ पैरा मेडिकल स्टाफ की भी 100% पर उपस्थिति दर्ज हो। वहीं, मरीजों को उनके घर के पास ही क्यों न डेंगू का इलाज किया जाए। डीएम का चार्ज मिलने के बाद पहली बार राजलिंगम ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है। साथ ही अस्पतालों के डेंगू वार्ड का जायजा भी लिया।

जिलाधिकारी ने इस दौरान सोमवार को मालवीय पुल के फुट ओवरब्रिज की रेलिंग टूटने के बाद भर्ती घायलों का भी हालचाल जाना। जिलाधिकारी सबसे पहले इमरजेंसी कक्ष पहुंचे। यहां मौके पर मौजूद चिकित्सकों, कर्मचारियों से मरीजों के जांच, इलाज आदि की जानकारी ली। इसके बाद सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों से उनका कुशलक्षेम पूछा। यहां किडनी की समस्या से ग्रसित होकर इलाज करा रहे मरीज कलामुद्दीन ने बुधवार को डायलिसिस होने की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने इस दौरान महिला वार्ड, बच्चा वार्ड, ब्लड बैंक और ब्लड प्रासेसिंग लैब, ओटी, आक्सीजन प्लांट, सर्जिकल वार्ड तथा ओपीडी कक्षों में भर्ती मरीजों के जांच, इलाज के बारे में सीएमओ से जानकारी मांगी। साथ ही यह भी कहा कि चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की समय से उपस्थिति के साथ ही मरीजों के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए।