काव्य-रचना

काव्य-रचना

   ख्वाहिश   

ख्वाहिश है मेरी उड़ने की
मुझे गिरना न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी मोहब्बत की
मुझे नफ़रत न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी जीतने की 
मुझे हारना न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी मुस्कुराने की 
मुझे रुलाना न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी जीने की 
मुझे मरना न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी दिल लगाने की 
मुझे दिल बहला न सिखाइए।
ख्वाहिश है मेरी तेरे साथ रहने की
मुझे दूर रहना न सिखाइए।

राजीव डोगरा