बीएचयू सेंट्रल ऑफिस पर छात्रों का धरना, PhD प्रवेश प्रक्रिया को बंद करने की मांग
वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस का घेराव कर छात्र विरोध करते हुए नारे लगा रहे हैं। छात्रों कि मांग है कि पिछले PhD एंट्रेंस में हुए धांधली के निराकरण से पहले कोई नया एग्जाम न लिया जाए। इसलिए, PhD एंट्रेंस (BHU-RET) को लेकर जारी नए नोटिफिकेशन को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए। जब तक ऐसा नहीं किया जाता, तब तक हम विरोध करेंगे।
छात्रों ने धरना प्रदर्शन के दौरान ही कुलपति के नाम एक लेटर भी लिखा। कहा कि हम यह बताना चाहते हैं कि सितंबर 2021, मार्च 2022 और जुलाई 2022 की प्रवेश प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। इसकी जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। जब तक इस कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक जनवरी, 2023 PhD एंट्रेंस की प्रक्रिया को रोक दिया जाए।
हिंदी विभाग के पूर्व छात्र बीते जुलाई, 2022 से PhD एग्जाम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर धरनारत हैं। अगस्त तक चले धरने के बाद इनकी मांगों पर विचार किया गया और आरोपों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बना दी गई। फिलहाल, कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसलिए, छात्रों का कहना है कि हमारी मांगों पर अभी तक फांइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आई नहीं और PhD में प्रवेश की नई विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। यह ठीक नहीं है। विरोध कर रहे छात्रों ने कहा कि चार विभागों AIC विभाग, सोशियोलॉजी, भूगोल और हिंदी विभाग की विज्ञप्ति आई है। इनकी प्रक्रिया रोककर हमे पहले शोध छात्राें के तौर पर इनरोल किया जाए। बीते 5 महीने से छात्र बीच-बीच में धरना प्रदर्शन करते रहे हैं। वहीं, जुलाई-अगस्त में तो हिंदी विभाग के बाहर दो सप्ताह तक लगातार विरोध चला। उस समय इन्होंने हिंदी विभाग के ही कई प्रोफेसरों पर तरह-तरह के आरोप भी लगाए।