गोरखपुर : अस्पताल में ‘जांच’ की आड़ में हैवानियत, महिला को न्यूड कर छेड़छाड़, पुलिस ने की FIR
(रणभेरी): गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल में गुरुवार की सुबह जो हुआ, उसने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की दीवारों पर सवालिया निशान जड़ दिए। इलाज के भरोसे पहुंची 30 वर्षीय महिला के साथ अल्ट्रासाउंड रूम में जो शर्मनाक हरकत हुई, उसने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि सिस्टम की परतों में कितनी आसानी से ‘हैवानियत’ जगह बना चुकी है।
पीड़िता के मुताबिक, डॉक्टर की सलाह पर वह 11 दिसंबर को पेट का अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची थी। रूम के भीतर बैठा कर्मचारी अभिमन्यु गुप्ता जिसका काम महज जांच करना था—पहले उसे घूरता रहा, फिर ‘पूरा कपड़ा निकालने’ और ‘जांच के बाद मसाज’ जैसे बेहूदा बहाने गढ़ते हुए उसे न्यूड करने पर मजबूर किया। और फिर वही हुआ जिसे सुनकर किसी का भी खून खौल उठे अभिमन्यु ने छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब महिला ने विरोध किया तो उसका मुंह दबाया गया, धमकाया गया, और फिर गंदी गालियां देते हुए कमरे से भगा दिया गया।
सबसे खतरनाक बात यह है कि पीड़िता के अनुसार, अस्पताल में उसने कई जगह शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यानी न सिर्फ अपराध हुआ, बल्कि उसे ढंकने की कोशिश भी की गई। यह खामोशी, यह उदासीनता यही वह अंधेरा है जो अपराधियों को निर्भीक बनाता है।
आरोप गंभीर थे, इसलिए शुक्रवार को आखिरकार पुलिस ने FIR दर्ज की। कोतवाली पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया है और मामले की जांच में अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
उधर, अस्पताल प्रशासन ने भी अब ‘हरकत’ की है। एसआईसी जय कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है और उच्चाधिकारियों को सूचना भेज दी गई है। पर बड़ा सवाल यह है, क्या यह कार्रवाई अपराध रोकने की संवेदना से आई है, या फिर बढ़ते शोर को शांत करने की कवायद भर है?
जिला महिला अस्पताल जैसे संस्थान, जहां महिला सुरक्षा और सम्मान सर्वोपरि होना चाहिए, वहां ऐसी घटना किसी हादसे से ज्यादा, एक चेतावनी है, एक बेहद जरूरी चेतावनी। यह सिर्फ एक महिला का दर्द नहीं, बल्कि उस ढांचे का आईना है जो भरोसा मांगता है, लेकिन सुरक्षा देने में नाकाम साबित होता है।
यदि इस बार भी जांच औपचारिकता बनकर रह गई, तो अपराधी ही नहीं, पूरा सिस्टम कटघरे में खड़ा होगा। महिला की पुकार साफ है, “मैंने भरोसा किया था।” अब यह शहर, यह प्रशासन, और यह तंत्र तय करे कि उस भरोसे का क्या मोल है।











