आज गौरा को लगेगी हल्दी, बीस को बाबा करायेंगे गौना

आज गौरा को लगेगी हल्दी, बीस को बाबा करायेंगे गौना

वाराणसी(रणभेरी)। माता गौरा के गौने का उत्सव आज से शुरू हो जायेगा। इस बार माता पार्वती कांजीवरम साड़ी पहनेंगी और बाबा विश्वनाथ कठियावाड़ी लुक में सजेंगे। साथ में बंगाली मुकुट धारण कर होली खेलते हुए अपने धाम विश्वनाथ मंदिर में विराजेंगे। सप्तऋर्षि आरती के बाद आम भक्तों को दर्शन दिया जाएगा। आज शाम टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत आवास पर 7 बजे से गौरा की रजत प्रतिमा को महाराष्ट्र और अयोध्या से आई शगुन की हल्दी लगाई जाएगी। 19 की शाम राजसी श्रृंगार में सजकर बाबा विश्वनाथ गौना कराने अपने ससुराल हिमाचल के दरबार पहुंचेंगे। यानी कि बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा को माता गौरा के बगल में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद 20 मार्च की शाम रंग भरी एकादशी पर माता गौरा की विदाई हो जाएगी। संकरी गलियों में इस दिन काशी, मथुरा और अयोध्या से लाए गए इको फ्रेंडली अबीर-गुलाल उड़ाए जाएंगे। भक्तों और गणों के साथ होली खेलते हुए बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की पालकी यात्रा कॉरिडोर तक जाएगी। गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की रजत चल प्रतिमा विराजमान हो जाएगी। पंडित संजीव मिश्रा ने बताया कि इस बार शिव-पार्वती के गौने में आधे भारत का अक्स दिखेगा। माता पार्वती की कांजीवरम की साड़ी और बाबा विश्वनाथ कठियावाड़ी परिधान धारण कर पालकी यात्रा पर निकलेंगे। इसके अलावा, दोनों भगवान दंपत्ति के सिर पर बंगाल से आई देव किरीट यानी कि मुकुट पहनाया जाएगा। इसके अलावा, गौने पर होली खेलने के लिए अयोध्या और मथुरा से अबीर-गुलाल मंगाए गए हैं। शिव विवाह के दौरान टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत का आवास बाबा विश्वनाथ का घर था, लेकिन अब यह माता गौरा का ससुराल बन गया है। वहीं, 4 साल बाद माता गौरा का गौना अब किराए के भवन से नहीं उठेगा। पूर्व महंत ने इस घर को खरीद लिया है। विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के दौरान माता गौरा का आवास टूट गया था। इसके बाद से 4 साल तक किराए के भवन से शिव विवाह और गौना होने लगा। आज इस भवन का नाम गौरा सदनिका रखा गया है। 2020 में भवन गिरा लेकिन पिछले सितंबर 2023 में नए भवन की रजिस्ट्री करा ली गई।

पालकी पूजन के साथ लोकाचार शुरू

रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा के निमित्त होने वाले लोकाचार पालकी पूजन के साथ रविवार को शुरू हो गए। इस वर्ष रंगभरी एकादशी का उत्सव 20 मार्च को मनाया जाएगा। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर एक तरफ जहां बाबा की पारंपरिक पालकी की साफ सफाई के बाद पूजन किया गया। रविवार को पालकी और सिंहासन का पूजन पं. वाचस्पति तिवारी ने किया। पूजन पं. सुशील त्रिपाठी के आचार्यत्व में पांच वैदिक ब्राह्मणों ने कराया। महंत पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि बाबा के गौना के अवसर पर टेढ़ीनीम महंत-आवास पर शिवांजलि के लोक एवं सुगम संगीत का संक्षिप्त आयोजन भी किया जाएगा।