महामना जयंती पर बीएचयू में सजी पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी, 400 से अधिक प्रजातियां आकर्षण का केंद्र

महामना जयंती पर बीएचयू में सजी पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी, 400 से अधिक प्रजातियां आकर्षण का केंद्र

वाराणसी (रणभेरी) : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय भवन परिसर में गुरुवार से पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी का शुभारंभ हो गया। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर आयोजित यह प्रदर्शनी तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें 400 से अधिक प्रजातियों के फूलों, पौधों और सब्जियों का आकर्षक प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनी की सुरक्षा और निगरानी के लिए इस बार एआई कैमरों का सहारा लिया गया है।

इस वर्ष की प्रदर्शनी में दो दर्जन से अधिक दुर्लभ पुष्प और पौधों की प्रजातियां शामिल की गई हैं, जिन्हें दूर-दराज क्षेत्रों से आए अनुभवी माली और ख्यातिप्राप्त नर्सरियों ने सजाया है। पुष्प सज्जा की थीम इस बार ‘मिशन चंद्रयान’ और माघ मेले पर आधारित रखी गई है, जो दर्शकों को खासा आकर्षित कर रही है। उल्लेखनीय है कि मालवीय जयंती पर बीएचयू में यह पुष्प प्रदर्शनी पिछले 70 वर्षों से अधिक समय से परंपरागत रूप से आयोजित की जा रही है।

प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने मालवीय भवन परिसर में किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जैविक खेती के प्रति जागरूकता का भी माध्यम है।

इस वर्ष रसायन-मुक्त सब्जियों, दुर्लभ पौधों की प्रजातियों तथा विश्वविद्यालय परिसर से एकत्रित सूखी पत्तियों से तैयार उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद (पत्ती खाद) की प्रदर्शनी और बिक्री भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

प्रदर्शनी के दौरान बीएचयू के विभिन्न संस्थानों, विभागों, छात्रावासों और आवासीय परिसरों के बीच पुष्प सज्जा और बागवानी से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी बीएचयू के अलावा बनारस रेल इंजन कारखाना, रेलवे, जिला उद्यान विभाग, केंद्रीय कारागार, 39 जीटीसी, हवाई अड्डा प्राधिकरण और तिब्बती संस्थान सारनाथ के प्रतिनिधि प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। समापन अवसर पर 27 दिसंबर को आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे।