काव्य रचना

काव्य रचना

    रक्षाबंधन      

आई आई राखी आई
घर परिवार में खुशियाँ लाई 
अंगना में बहार है आई 
भाई बहन का स्नेह है लाई 
सावन के फुहार के बीच
पावन रस्म जो राखी आई 
रेशमी धागे से सजे कलाई 
हर भाई का बहन के प्रति 
प्रेम और स्नेह दिखाई 
मनभावन ये क्षण है लाई
आई आई राखी आई।।
प्रेम भाव के पवित्र धागे सा
भाई बहन का स्नेह है लाई
सारे जग का अटूट ये रिश्ता
राखी पर्व बतलानें आई
सदा बहन की रक्षा करना
भाई को बतलानें आई
आई आई राखी आई।।
राखी रोली और मिठाई से
देखो बहना ने थाल सजाई 
प्यारी बहना ने भाई को
कुमकुम की तिलक लगाई 
रेशम के पवित्र धागे से 
भाई की कलाई सजाई
युग-युग जीवे मेरा भाई
यही ईश्वर से दुआ लगाई 
सभी ने मिलकर खुशी मनाई
अंगना में फिर बहार है आई
आई आई राखी आई
खुशियों का त्योहार है लाई।।

राघवेन्द्र कुमार