काव्य रचना
मित्र
दोस्त, मित्र, सखा
हमेशा से जांचा परखा।
संगी, साथी, क्लासमेट
हर मौसम में अप टू डेट।
यार, हमारे सबसे खास
हमारे दिल, हमारी श्वास।
पावन- निर्मल सी अभिलाषा
दोस्ती, जीवन की परिभाषा।
कहते इसे लंगोटिया यार
बसता इसमें घर-संसार।
हर पल परछाई सा मित्र
जीवन की खुशबू, जीवन का इत्र।
- रवि प्रकाश केशरी, वाराणसी