एक बार फिर चर्चा में महामना की बगिया
वाराणसी (रणभेरी)। महामना की बगिया (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है अपने 94 प्रोफेसरों को एक साथ नोटिस भेजना। नोटिस में कहा गया है कि डॉ. ओमशंकर लोक सभा चुनाव के दौरान 20 दिनों तक अपने चेंबर में आमरण अनशन पर बैठे थे। जिसमें बीएचयू के प्रोफेसरों ने प्रो. ओम शंकर को समर्थन दिया था। साथ ही प्रोफेसर ओम शंकर की मांग पूरा करने के लिए कुलपति को दिए अपील वाले लेटर में इन सभी ने साइन भी किया था। अब बीएचयू प्रशासन की ओर से इन सभी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है कि आप स्पष्ट करें इस लेटर पर आपके हस्ताक्षर हैं या नहीं। बीएचयू ने कहा है कि सेंट्रल सिविल सर्विस, 2006 के 'कोड आॅफ कंडक्ट' के खिलाफ है। बता दें कि प्रो. ओम शंकर ने अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आरोप और कार्डियोलॉजी विभाग को पर्याप्त बेड न मिलने पर 11 मई से आमरण अनशन शुरू किया था, जिसे ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के आदेश पर वाराणसी में वोटिंग से एक दिन पहले यानी कि 30 मई को समाप्त कर दिया था। बताया जा रहा है कि इस आमरण अनशन के चलते पूरे पूर्वांचल में बीजेपी के खिलाफ बीएचयू की स्वास्थ्य सुविधाओं में व्याप्त खामियों को एक मैसेज गया। सोशल मीडिया से लेकर तमाम बड़े संस्थानों में इस आंदोलन से बीजेपी के खिलाफ माहौल बना था। अब बीएचयू ने धरनारत डॉक्टर को समर्थन देने वालों पर कड़ा एक्शन लेने का मूड बनाया है। दो दिन पहले वाराणसी के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीएचयू में दौरे भी हुए थे। वहीं, आगे इस मामले की उपरी स्तर पर जांच भी हो सकती है। लेटर के अंत में लिखा था, सर सुंदरलाल अस्पताल का कार्डियोलॉजी विभाग पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में हृदय रोगियों की जरूरतों को पूरा करने वाला एकमात्र सबसे बेहतर स्थान है। मरीजों के लिए बेड न होना रोगियों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है। इसलिए, हम आपसे अपील करते हैं कि इससे पहले कि डॉ. ओम शंकर की तबीयत और बिगड़ जाए और उनकी स्थिति और खराब हो जाए, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए आप तत्काल हस्तक्षेप करें। पहले से ही आवंटित अतिरिक्त बिस्तरों को कार्डियोलॉजी विभाग को सौंपने से रोगियों को लाभ होगा और उन्हें बेहतर इलाज और देखभाल की व्यवस्था मिलेगी। सात दिन के अंदर देना होगा जवाब डॉक्टर को समर्थन देने वालों में बीएचयू, आईआईटी-बीएचयू समेत सर सुंदर लाल के कई बड़े डॉक्टरों और प्रोफेसरों के भी नाम शामिल हैं। इन सभी से एक सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया गया है। इऌव के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से ये नोटिस भेजे जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल भी है। बीएचयू प्रशासन ने कहा है कि किसी विरोध करने वाले के समर्थन में इस तरह से संयुक्त रूप से लेटर देना विश्वविद्यालय के कानून और सेंट्रल सिविल सर्विस के नियम के खिलाफ है। ऐसे कृत्य को कदाचार की श्रेणी में रखा गया है। कुलपति के नाम लेटर लिखते हुए कहा गया था, हम...बीएचयू और आईआईटी-बीएचयू के शिक्षक, सर सुंदरलाल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. ओम शंकर के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में बहुत चिंतित हैं, जो 11 मई से अनिश्चितकालीन उपवास कर रहे हैं। डॉ. ओम शंकर द्वारा उठाया गया मुद्दा, मुख्य रूप से हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को बढ़ाने से संबंधित हैं।