बदलते मौसम में बच्चों का रखें ध्यान
वाराणसी (रणभेरी सं.)। दिन में तेज धूप और रात में नम हवाओं से बदल रहे मौसम का असर बच्चों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। एक सप्ताह से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। बीएचयू, जिला अस्पताल और मंडलीय अस्पताल में 800 बच्चे रोज आ रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर भी 200 से ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। मंडलीय अस्पताल का चिल्ड्रेन वार्ड बच्चों से फुल हो गया, इसके बाद बच्चों को दूसरे वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा के साथ ही दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में बाल रोग विभाग की ओपीडी में भी बच्चों की भीड़ देखने को मिली। कोई दो साल के बच्चों को लेकर पहुंचा तो किसी का 10 साल का बेटा बीमार था। मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि 20 बेड वाला वार्ड नंबर 13 चिल्ड्रेन वार्ड भर जाने के बाद 12 नंबर में भी बच्चों को भर्ती किया जा रहा है।
ओपीडी में 200 से अधिक बच्चे, हर दिन दस भर्ती
मंडलीय अस्पताल में बाल रोग विभाग में तीन ओपीडी चलती है। यहां पिछले एक सप्ताह से ओपीडी में बच्चों की संख्या बढ़ी है। एक सप्ताह पहले तक जहां हर दिन 100 से 150 बच्चे आते थे, वहीं संख्या बढ़कर 200 के पार पहुंच जा रही है। इसमें हर दिन करीब 50 से अधिक बच्चे बुखार, पेट में दर्द, भूख न लगने की समस्या वाले आ रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता का कहना है कि बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले कम होती है। इस वजह से उन पर बीमारियों का प्रभाव अधिक रहता है।
बीएचयू में स्क्रबटायफस, डेंगू, मलेरिया के लक्षण वाले बच्चे अधिक
बीएचयू अस्पताल में बाल रोग विभाग की ओपीडी में वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों, बिहार तक से बच्चों को लेकर परिजन आए थे। सुबह 9 बजे से शुरू ओपीडी में 3 बजे के बाद तक बच्चों की भीड़ देखने को मिली। प्रो. सुनील कुमार राव का कहना है कि इन दिनों बच्चों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में ही संख्या 400 से अधिक पहुंच जा रही है। इसमें 100 से अधिक बच्चों में स्क्रबटायफस (शरीर पर लाल-लाल दाने निकलना और दर्द करना), तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, बदन दर्द, डेंगू, मलेरिया के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
ये बरतें सावधानी
- बच्चों को पूरी बांह का कपड़ा पहनाकर रखें।
- बहुत देर तक रखा खाना खिलाने से परहेज करें।
- बच्चों को एसी में ज्यादा देर तक रखना नुकसानदायक हो सकता है।
- तीन दिन तक बुखार हो, पेट दर्द करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।