पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां लेकर आज पहुंचेंगे काशी, 22 जनवरी को गंगा में होंगी विसर्जित
वाराणसी (रणभेरी): कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां 22 जनवरी को काशी में गंगा में विसर्जित होंगी। 21 जनवरी की देर रात परिजन पं. बिरजू महाराज की अस्थियों को लेकर बनारस आएंगे। अस्सी घाट पर विसर्जन के विधि-विधान पूर्ण करने के बाद गंगा की मध्य धारा में अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी। पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां, अंतिम दर्शन के लिए सिगरा के कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में रखी जाएंगी।
काशी के कलाकार और उनके प्रशंसकों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद अस्थि कलश खुले वाहन पर रखकर अस्सी घाट ले जाया जाएगा। अस्थि कलश यात्रा 22 जनवरी को पूर्वाह्न 9:00 बजे आरंभ होगी, गुरुवार को को पं. बिरजू महाराज के पुत्र पं. जयकिशन महाराज और शिष्या शाश्वती सेन अस्थि कलश लेकर दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
बनारस में अस्थि विसर्जन कार्यक्रम का संयोजन कर रहीं पं. बिरजू महाराज की शिष्या संगीता सिन्हा ने बताया कि हम सब चाहते थे कि पहले महाराजजी का अस्थि कलश कबीरचौरा मोहल्ले में रखा जाए लेकिन उस क्षेत्र में सड़क खोदाई का काम जारी होने के कारण दिक्कतों को देखते हुए अस्थि कलश के अंतिम दर्शन नटराज संगीत अकादमी ने कराने का निश्चय किया गया।
पंडित बिरजू महाराज की पुत्री ममता महाराज परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से लखनऊ के लिए आज शाम सड़क मार्ग से रवाना होंगी। 21 जनवरी को प्रातः से लेकर शाम तक पंडित बिरजू महाराज का अस्थिकलश लखनऊ स्थित उनके पैतृक आवास पर रखा जाएगा, जिसे बिंदादीन महाराज की ड्योढ़ी के नाम से जाना जाता है। पूरे दिन लखनऊ में उनके प्रशंसकों और चाहने वालों द्वारा अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। सूर्यास्त के बाद परिजन अस्थि कलश लेकर काशी के लिए रवाना हो जाएंगे।