वाराणसी में अमूल फ्रेंचाइजी होल्डर से दिनदहाड़े हथियारों के बल पर 6 लााख की लूट, CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से चंद कदम की दूरी पर सोमवार भोर में हथियार बंद दो युवकों ने व्यापारी के शोरूम में लूट की वारदात को अंजाम दिया हैं। कनपटी पर तमंचा सटकार छह लाख रुपये भरा बैग लेकर फरार हो गए। चौक थाना क्षेत्र के अमूल फ्रेंचाइजी होल्डर पारस कुमार गुप्ता के शोरूम में वारदात को उसके पूर्व कर्मचारी ने अंजाम दिया। दिनदहाड़े तमंचा और चाकू लेकर पहुंचे पूर्व कर्मचारी ने अपने साथी के साथ मिलकर व्यापारी को धमकाया और हमले का प्रयास भी किया। पीड़ित ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर पहुंची चौक पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
चौक थाना क्षेत्र के मणिकर्णिका गेट पर अमूल पारस की मधु-शिव सेल्स के नाम से अमूल की फ्रेंचाइजी है। सोमवार सुबह 4. 48 बजे नकाबपोश दो बदमाश हाथों में हथियार लेकर उनकी दुकान पर पहुंचे और धमकाना शुरू कर दिया। व्यापारी की कनपटी पर तमंचा सटाकर दो दिन का कैश मांगने लगे फिर टेबल से चाबी उठाकर अलमारी खोली और उसमें रखा सारा कैश निकाल लिया। दुकानदार ने विरोध किया तो मारने की धमकी देते हुए उसे धक्का दे दिया। इसके बाद रुपयों भरा बैग लेकर भागने लगे। फ्रेंचाइजी होल्डर पारस ने दोनों युवकों को पहचान लिया क्योंकि उसमें से एक उनकी दुकान पर पहले काम कर चुके था। युवक ऋषि पटेल को दो महीने पहले ही चोरी करने बाद दुकान से बाहर निकाला था, उसे दुकान की पूरी जानकारी थी। वहीं उसका साथ सक्षम भी वारदात में शामिल था। व्यापारी के अनुसार ऋषि पटेल के हाथ में तमंचा और सक्षम कुमार के हाथ में चाकू था।
व्यापारी ने दोनों लुटेरों का घुघरानी गली तक पीछा किया लेकिन शारीरिक रूप से अक्षम होने के चलते व्यापारी थक गए और दोनों भाग निकले। इसके बाद व्यापारी ने पुलिस को घटना की सूचना दी। जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और व्यापारी से पूरी वारदात जानी। चौक पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी है।
अमूल के फ्रेंचाइजी होल्डर पारस गुप्ता ने बताया कि दुकान पर काम करने लिए ऋषि पटेल को रखा था, एक साल तक उसने काम किया लेकिन तीन महीने पहले उसने गल्ले से 40 हजार रुपये निकाले थे और हमने 40 हजार रुपये की चोरी करते उसे रंगे हाथ पकड़ लिया था। इसके बाद उसे डांटा फटकारा और सारे रुपए छीन लिए। उसके बाद ऋषि पटेल ने माफी मांगी तो काम से नहीं निकालते हुए निगरानी शुरू कर दी। इसके बाद ऋषि की हरकतें संदिग्ध लगी तो दो महीने पहले उसे काम से निकालते हुए हिसाब कर दिया। हालांकि काम छोडने के बाद भी ऋषि दुकान पर आता रहा और कई बार माफी मांगने के साथ काम भी मांगता रहा।
व्यापारी की माने तो दरअसल, काम से निकाले जाने के बाद वह लगातार दो महीने दुकान पर आकर रेकी करता रहा और वह दुकान में बदलाव पर भी सवाल करता था। इसके बाद उसने अपने दोस्त सक्षम के साथ आज वारदात को अंजाम दिया। नकाब होने के बावजूद दुकान पर आते ही हमने उसे पहचान लिया था।