ज्ञानवापी परिसर सर्वे मामलें में दूसरे पक्ष के वकील ने की वकील कमीशन हटाने की मांग
वाराणसी (रणभेरी): काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी परिसर के सर्वे शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी दोपहर 3 बजे से शुरू होनी है। लेकिन सर्वे की कार्रवाई से पहले एक पक्ष अदालत पहुंच गया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने आपत्ति दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की अर्जी दी है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं का आवेदन स्वीकार कर लिया है। मामले में दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी।मसाजिद कमेटी पक्ष ने सर्वे कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। शुक्रवार को भी सर्वे कमिश्नर और उनकी टीम का अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के लोगों ने भारी विरोध किया था। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन कोर्ट कमिश्नर को प्रतिवादी पक्ष ने मस्जिद बैरिकेडिंग के आगे नहीं जाने दिया।
प्रतिवादी पक्ष के वकील ने दलील देते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश में कहीं नहीं है कि बैरिकेडिंग के अंदर कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव व एखलाक अहमद ने कहा कि हम कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं।अधिवक्ता प्रतिवादी पक्ष ने बताया कि मैंने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए एक प्रार्थना पत्र उन्हें दिया कि आप का व्यवहार निष्पक्ष नहीं है। आप पार्टी के रूप में यहां कार्यवाही करने के लिए आ रहे हैं। आप पर मुझको कोई भरोसा नहीं है। चार बजे कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई और पश्चिमी तरफ जो चबूतरा है, उसकी वीडियोग्राफी कराई गई है।उसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवा कर अंदर जाने का प्रयास किया, जिस पर मैंने अपना विरोध दर्ज करवाया। अधिवक्ता ने बताया कि मैंने कहा कि कोर्ट का इस तरह का कोई आदेश नहीं है की बैरिकेडिंग के अंदर जाकर आप उसकी वीडियोग्राफी कर सकें। अधिवक्ता आयुक्त ने कहा कि मुझे ताला खुलवाकर उसकी वीडियोग्राफी करने का आदेश है, जबकि ऐसा कोई आदेश कोर्ट द्वारा नहीं है। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर शनिवार की शाम को तीन बजे दोबारा सर्वे के लिए बैरिकेडिंग के अंदर जाएंगे। उन्होंने कोर्ट के आदेश के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को स्थिति से अवगत करा दिया है।
- सर्वे पर ओवौसी ने उठाए सवाल
वहीं इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कानून का उल्लंघन है। असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है।