गैस रिफिलिंग का अवैध खेल, लगाम लगाने में जिम्मेदार फेल
- प्रशासन की नाक के नीचे कई क्षेत्रों में धड़ल्ले से चल रहा रिफलिंग का गोरखधंधा
वाराणसी (रणभेरी): शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में रसोई गैस की घटतौली का नेटवर्क छोटे सिलिंडर से होकर गुजर रहा है। प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से अवैध काम चल रहा फिर भी प्रशासन अवैध गैस रीफलिंग के इस बड़े धंधे पर लगाम लगाने में फेल है। हर गली और चौक-चौराहे पर छोटी-छोटी दुकानों में रीफिलिंग का कारोबार चल रहा है। शहर के ऐसे कई इलाके है जहां लॉज और किराए पर रूम लेकर रहने वाले छात्रों की संख्या अधिक है, वहां अवैध छोटे सिलिंडरों को बेचने और रीफिलिंग का धंधा बड़े पैमाने पर हो रहा है। कई मोहल्लों में तो किराना दुकान, चाय-स्टॉल आदि पर भी यह कारोबार चल रहा है। इन इलाकों में अवैध रीफलिंग करने वालों को गैस सिलिंडर ट्राली मैन ही उपलब्ध कराते हैं तो कुछ ट्राली मैन खुद रीफलिंग करते हैं।
शहर के दुर्गाकुंड, लंका, अस्सी, सामनेघाट, सोनारपुरा, नई सड़क, चेतगंज, बेनिया, औरंगाबाद, पितरकुंडा, लल्लापुरा, लहुराबीर, कबीरचौरा, नदेसर, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, आशापुर, शिवपुर आदि इलाकों में यह धंधा जोरों पर है। वहीं मोमोज और फास्टफूड का स्टाल लगाने वाले इन छोटे सिलिंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस और जिम्मेदार विभागीय अधिकारी के खामोशी से गैस रिफलिंग का धंधा खूब फल फूल रहा है। अभी बीते दिनों ही पुलिस ने अवैध रूप से गैस रिफलिंग करने वाले कारोबारी को पकड़कर जेल भेजा था पर हकीकत यह है की वैसे कई लोग आज भी है जो धड़ल्ले से यह अवैध काम कर रहे। सूत्रों के अनुसार कैंट थाना क्षेत्र के टकटकपुर, अनौला स्थित गैस गोदाम के आस-पास धड़ल्ले से गैस रिफलिंग का धंधा हो रहा है।
खास बात यह है कि गैस रिफलिंग का धंधा सुबह 6 से 7 बजे के आसपास होता है। ट्राली चालक सुबह ही वाराणसी गैस गोदाम से भरा सिलेंडर लेकर अपने अस्थायी आवास पर जाते है और गैस की कालाबाजारी करके उपभोक्ताओ को देने के लिए निकल जाते है। स्थानीय लोगों के अनुसार गैस गोदाम से अनौला गाँव की तरफ जाने वाले रास्ते पर 150 मीटर की दूरी पर एक बैर के पेड़ का बगीचा है। इसी बगीचा के पास बने कुछ कमरों में कई व्यक्ति मिलकर गैस रिफलिंग का धंधा कई वर्षों से कर रहें है। क्षेत्रीय लोगों ने यह भी बताया कि गैस रिफलिंग के अवैध धंधे को स्थानीय पुलिसकर्मियों और जिम्मेदार विभाग के कर्मचारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन गैस रिफलिंग का कार्य निरंतर जारी है। यही कारण है कि गैस उपभोक्ताओं से गैस की पूरी कीमत ली जा रही है और उसे प्रति सिलेंडर 2 से 3 किलों कम गैस देकर ट्राली चालकों द्वारा उपभोक्ताओं से चोरी की जा रही है। बताते चले कि गैस रिफलिंग होने वाले स्थान से महज कुछ दूरी पर ही वाराणसी इण्डेन गैस का गोदाम है।
जहां से लगभग प्रतिदिन सैकड़ो गैस सिलेंडर की निकासी कर लगभग 80-90 ट्राली चालकों को दिया जाता है। सूत्रों की माने तो गैस रिफलिंग करने के लिए गैस गोदाम के आसपास के कई इलाके और कालोनियां इस मामले में बदनाम हो चुकी है। जहां दर्जनों की संख्या में किराए के मकान में रहकर ट्राली चालक यह धंधा वर्षो से स्थानीय पुलिस और जिम्मेदार विभाग के कुछ कर्मचारियों की सांठ गांठ से कर रहें है। अवैध कारोबार से ये सभी दिन दुगना, रात चौगुना फल फूल रहा है, और अपने धंधे को अन्य स्थानों पर विस्तार देने में लगा हुआ है। यदि समय रहते इस अवैध गैस रिफलिंग के धंधे को बंद कराकर आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है। खास बात यह है कि यह अवैध धंधे का स्थान मुख्यालय से महज 5 सौ मीटर से कुछ ही दूरी पर स्थित है पर जिम्मेदार अंजान है। आखिर इस अवैध कारोबारपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है वह भी लोग इशारो में समझ रहें है