घटने लगी गंगा, बढ़ने लगी दुश्वारियां

घटने लगी गंगा, बढ़ने लगी दुश्वारियां

गंगा व वरुणा की बाढ़ से हजारों की आबादी प्रभावित

वाराणसी (रणभेरी सं.)। जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने के बाद घटने लगा। रविवार को शाम से गंगा में एक सेंटीमीटर की रफ्तार से घटाव दर्ज किया गया। गंगा में घटाव की सूचना मिलते ही गंगा व वरुणा के समीपवर्ती लोगों की चिंता थोड़ी कम हुई। हालांकि गंगा व वरुणा नदी के समीपवर्ती इलाके अभी भी बाढ़गस्त हैं। काशी के सभी घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए। गंगा व वरुणा से सटे इलाकों में करीब आधा किलोमीटर तक पानी भर गया है। केंद्रीय जल आयोग ने रविवार शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 70.12 मीटर रिकार्ड किया। गंगा में एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घटाव जारी है। समीपवर्ती इलाकों के जलमग्न होने के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना पड़ा है। वहीं प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत व बचाव के कार्य तेज कर दिए गए है। अफसरों ने बाढ़ राहत क्षेत्रों के अलावा शिविरों पर पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। जिले में गंगा व वरुणा के समीपवर्ती इलाकों की 25 हजार से ज्यादा की आबादी गंगा के जलस्तर में बढ़ाव व वरुणा में बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हो गयी है। घरों में पानी भरने पर करीब एक हजार लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है। प्रशासन की मानें तो सक्रिय किए गए बाढ़ राहत शिविरों 650 से ज्यादा लोगों ने शरण ली हैं। वहीं अन्य सुरक्षित स्थानों पर भी डेढ़ सौ से ज्यादा परिवारों के लोग पहुंचे हैं। शहर में नगवां, अस्सी, मारूती नगर, सामने घाट तथा नक्खी घाट, पुलकोहना, सरैयां, बधवा नाला समेत दर्जन भर इलाकों में पानी भर गया है। इन इलाकों में प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविरों में शिफ्ट होने की लोगों से अपील की। वहीं गंगा घाट पूरी तरह से डूब गए और सीढ़ियों से लगातार पानी ऊपर चढ़ता रहा। गंगा के पानी से जल पुलिस कार्यालय भी जलमग्न हो गया। घाट पर स्नान करने वाले लोगों को जल पुलिस व एनडीआरएफ के जवान लगातार सतर्क कर रहे हैं।

कुछ इलाकों में पड़ी बौछारें, फिर भी उमस से नहीं मिली राहत

वाराणसी (रणभेरी सं.)। मानसून की बेरुखी के चलते पिछले तीन दिनों से बनारस समेत पूर्वीचल में बरसात न होने से चटक धूप व उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है। रविवार को दिनभर हल्के बादलों का आवाजाही लगर रहर। दोपहर बाद शहर के दक्षिणी इलाकों में बादल घने होने लगे थे और झमाझम बारिश होने की उम्मीद जाग गयी थी शाम को लगभग 4.15 बजे बरसात शुरू जरूर हुई लेकिन 15 मिनट तक ही हुई। इससे उमसभरी गर्मी से लागो को राहत नहीं मिल पायी। जबकि डाफी क्षेत्र में एक घंटे से अधिक समय तक झमाझम बारिश हुई। जबकि शहर के कई हिस्से में हल्की बारिश हुई है। वायुमंडल में आर्दता की मात्रा को देखते हुए कहा जा सकता है की रात में क्षेत्रीय कूलिंग का सपोर्ट मिलने पर 21 जुलाई को भोर में या सुबह कहीं कहीं हल्की से लेकर सामान्य बरसात हो सकती है। मौसम वैज्ञानिक प्रो एसएन पाण्डेय ने बताया की रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 0.1 अधिक 33.3 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम सामान्य से 1.5 अधिक 27.8 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह के समय आर्द्रता की मात्रा 86 प्रतिशत तथा शाम को 74 प्रतिशत रहा। जमीन की सतह से तीन किमी तक पछुवा तथा उसके ऊपर पूर्वा हवा चल रही है। उन्होंने कहा की इस समय मानसून सक्रिय है, पूर्वा हवा का स्पोर्ट्स मिलते ही अच्छी बरसात शुरू हो जाएगी। 

डीएम ने मकान की छत से वरुणा के प्रभावित क्षेत्रों को देखा

जिलाधिकारी ने राहत केन्द्र ढेलवरिया का किया निरीक्षण, बाढ़ पीड़ितों से कहा, शासन - प्रशासन आपके साथ

मंडलायुक्त ने भी प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया का लिया जायजा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम एवं जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं राहत शिविरों का औचक निरीक्षण कर वहां व्यवस्थाओं को परखा। बाढ़ राहत केंद्र प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया में पहुंचे मंडलायुक्त ने वहां प्रभावितों से बात की एवं उनके लिए बनायी गयी व्यवस्था के बारे में अफसरों से जानकारी ली। दूसरी ओर, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार राहत शिविर दीप्ति कान्वेंट स्कूल, हुकूलगंज में बाढ़ पीड़ितों से बातचीत कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली और कहा कि शासन-प्रशासन आपके साथ है। किसी प्रकार प्रकार की परेशानी हो तो तत्काल प्रशासन को अवगत कराएं, तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने राहत शिविर में मौजूद बच्चों से बातचीत कर उन्हें दुलारा भी। जिलाधिकारी ने वरुणा नदी से सटे मकान की छत पर चढ़कर बाढ़ की स्थिति को देखा। उन्होंने नगर निगम के अफसरों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, राहत शिविरों एवं आसपास समुचित साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने, जल जमाव वाले स्थानों पर एंटीलार्वा, फागिंग और चूने का छिड़काव कराने का निर्देश दिया। उन्होंने एसडीएम सदर को नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से खाने-पीने व रहने से संबंधित, मोबाइल फोन चार्जिंग सहित अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी लेने और उनका हाल जानने को कहा। जिलाधिकारी ने अफसरों से कहा कि वे बाढ़ प्रभावितों से संवाद करें और उनकी समस्या का प्राथमिकता पर समाधान कराएं। जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान एसडीएम सदर अमित कुमार, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।