पीएम मोदी के क्षेत्र में दिव्यांगों की उपेक्षा, उपकरण वितरण को बुलाकर अफसर हुए नदारद
ब्लॉक मुख्यालय पहुंचने पर रो पड़े पीड़ित
दूर-दूर से उपकरण की उम्मीद लेकर आये थे दिव्यांग
कई बुजुर्ग बैसाखी से पहुंचे थे तो कई माताएं मासूमों को लेकर आई
वाराणसी (रणभेरी): प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में मंगलवार को आराजी लाईन विकास खंड मुख्यालय पर दिव्यांगों को उपकरण वितरित करने के लिए बुलाया गया था। वो समय से पहुंचे, कई घंटे देर तक इंतजार किया। फिर भी महकमे का कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिला तो कई तो रो पड़े तो कुछ ने किया हंगामा। दिव्यांगों का कहना था कि जब उन्हें खुद गैरहाजिर रहना था तो बुलाया ही क्यों?
विकास खंड में सहायक उपकरण वितरण संबंधित विभाग के नहीं आने के कारण दिव्यांगजनों को मायूस होकर अपने घर लौटना पड़ा। बतातें चलें कि दिव्यांगों को एल्मिको व ज़िले से मिली सूचना के आधार पर मंगलवार को ब्लाक मुख्यालय पर उपकरण वितरण के लिए बुलाया गया था। उपकरण पाने की ललक में कई किलोमीटर दूर शिवपुर, गंगापुर रमसीपुर, बेनीपुर, खजुरी, मेहंदीगंज, दरेखू, नरसणा, भवानीपुर, कचनार, बीरभानपुर आदि गांव से दर्जनों से अधिक की संख्या में दिव्यांग अपना भाड़ा और किराया खर्च करते हुए ब्लाक मुख्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने काफी देर तक इंतजार किया, जब उन्हें पता चला कि मंगलवार को सहायक उपकरणों के होने के बावजूद 24 सितंबर को पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर सेवा पखवाड़ा होने की वजह से उपकरण दिया जाएगा तो वे न सिर्फ आक्रोशित हो गए बल्कि हंगामा मचाने लगे।
इस संबंध में जिला दिव्यांगज सशक्तिकरण अधिकारी आरपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि के अध्यक्षता में दिनांक 11 सितंबर को सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया हैं कि प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर आयोजित सेवा पखवाड़ा के क्रम में दिनांक 24 सितंबर को ही राष्ट्रीय वयोश्री एवं एडिप योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थियो को कृत्रिम अंग/ सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर टीएफसी में आयोजित होगा। ऐसे में कार्यक्रम उक्त निर्णय पर स्थगित कर दिया गया है।
इस संदर्भ में सामाजिक संगठन कस्तूरबा सेवा समिति के विनोद कुमार ने कहा दिव्यांग जनों को बेवजह परेशान करना उचित नहीं है। इन्हें इनके घरों तक सहायक उपकरण पहुंचाया जाए। जानकारी पर मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता तो उन्होंने ज़िलाधिकारी व दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी को मैसेज व फोन करके इसकी सूचना दी। तत्पश्चात् उक्त निर्णय की कापी राजकुमार को प्राप्त हुआ। उसके बाद विकास खंड में सहायक उपकरण वितरण संबंधित विभाग के नहीं आने के कारण दिव्यांगजनों को मायूस होकर अपने घर लौटना पड़ा।