काव्य रचना
हर किसी के राह को आसान कर जो जाए
हर किसी के राह को आसान कर जो जाए
वो किताबों की महफ़िल है जो
इंसानियत का पाठ पढ़ा जाए ||
आँखों में नमी को मुस्कराहट
में जो तब्दील कर जाए
वो परीक्षा है जीवन का जो
हर कठिन मार्ग पर आसान
संग चलना सीखा जाए ||
कभी अचानक गर नींद खुलती हो,
तो समझो नींद भी चाह रही ,
स्वप्न-पूर्ण करने की ललग
अक्सर जगती रहनी चाहिए ||
कलम गर पन्नों पर जी-भर चलती हो
तो समझो आशाओं का मेला अभी भी ज़िंदा है
इसलिए हमेशा ये तय कर चलो
राह में
अगर सपनों को पूर्ण करना हो
तो राह में कठिन समय के संग भी
होंठों पर मुस्कराहट हो
मन में ललक हो
और जिजीविषा पूर्ण करने का
होना चाहिए ||
नवीन आशा -