BHU में PhD एडमिशन में धांधली का आरोप में विरोध जारी, ना ही साक्षात्कार के अंकों का खुलासा, ना ही वीडियो रिकॉर्डिंग

BHU में PhD एडमिशन में धांधली का आरोप में विरोध जारी, ना ही साक्षात्कार के अंकों का खुलासा, ना ही वीडियो रिकॉर्डिंग

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के छात्रों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम में धांधली का आरोप लगाकर शुक्रवार को धरना दिया। BHU के समता भवन में विरोध करते हुए छात्रों ने कहा,"समाजशास्त्र विभाग में पिछले महीने में PhD आवेदन के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 23 से 25 जुलाई के बीच इंटरव्यू हुआ था।"इसी इंटरव्यू में सामाजिक विज्ञान संकाय की तरफ से धांधली की गई है। मनमाने ढंग से चयन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। कई वर्गों के मेधावी और मेहनतकश छात्र-छात्राओं का चयन अंतिम सूची में नहीं हो सका। इंटरव्यू में 73 परसेंटाइल पाने वाले का चयन हो गया, मगर 82 परसेंटाइल वाला बाहर है। UGC की गाइडलाइन के अनुसार, साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं कराई गई है।" वही छात्रों की मांग है कि साक्षात्कार के अंकों का खुलासा किया जाए। पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के परिणाम में धांधली का आरोप लगाकर शुक्रवार को सुबह से ही छात्र धरने पर बैठ गए। अवकाश होने के कारण शिक्षक और अधिकारी विश्वविद्यालय नहीं आए थे।

BHU के सेंट्रल ऑफिस में दो दिन से छात्रों का धरना जारी है। एनी बेसेंट फेलोशिप में SC/ST, OBC और EWS रिजर्वेशन की मांग पर छात्र वीसी चेंबर के जस्ट बाहर दो दिन और दो रात से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने अब एलान किया है कि वे 15 अगस्त को कुलपति के साथ-साथ सेंट्रल ऑफिस में झंडा रोहण करेंगे। अभी तक कुलपति प्रो. एसके जैन छुट्टी पर थे, अब वह BHU आ चुके हैं।देश के सभी संवैधानिक निकायों जैसे UGC, शिक्षा मंत्रालय, मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस, OBC और SC/ST कमीशन आदि को लेटर लिखकर शिकायत करेंगे।सभी लोकतांत्रिक समाज और छात्र संगठनों से समर्थन की अपील करेंगे।

एनी बेसेंट फैलोशिप में संवैधानिक आरक्षण नियमों के तहत लागू किया जाए। टॉप 5 परसेंटाइल नियमों में संवैधानिक आरक्षण SC ST OBC EWS लागू हो। इसके अनुरूप अलग-अलग कैटेगरी वाइज परसेंटाइल निकाला जाए। टॉप 5 परसेंटाइल में भी आरक्षित आरक्षित वर्गों के अवसरों पर जैसे एडमिशन और नौकरी में आयु आदि योग्यता में दी जाने वाली 5% की छूट की भांति ही प्रावधान किया जाए। BHU प्रशासन द्वारा एनी बेसेंट फैलोशिप के लिए जारी आदेश को तुरंत वापस लिया जाए और इसकी समस्त प्रक्रिया निरस्त की जाए। RET में न्यूनतम अंको की अनिवार्यता खत्म की जाए। इससे SC/ST की खाली सीटों को भरा जा सके। इन सीटों को खाली रखकर BHU प्रशासन उन्हें शिक्षा से वंचित करने की बड़ी साजिश की है। हॉस्टलों में भी OBC रिजर्वेशन लागू हो। टीच फॉर BHU के तहत आने वाली सीटों में भी आरक्षण का प्रावधान किया जाए।BHU के एक अधिकारी ने बताया कि एनी बेसेंट फेलोशिप शुद्ध रूप से प्रतिस्पर्धा और प्रतिभा आधारित है। इसमें आरक्षण जैसा कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। छात्रों को वाजिब मांग रखनी चाहिए।