काशी कोतवाल भैरव उत्सव का चौथा दिन: हंसराज रघुवंशी ने गाया- मेरा भोला है भंडारी...काशी हो गई मगन

काशी कोतवाल भैरव उत्सव का चौथा दिन: हंसराज रघुवंशी ने गाया- मेरा भोला है भंडारी...काशी हो गई मगन

वाराणसी (रणभेरी): शनिवार रात हिमचाल के प्रख्यात सिंगर और शिव साधक हंसराज रघुवंशी ने काशीवासियों को और देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। मेरा भोला है भंडारी...से शुरुआत करते हुए हंसराज ने शिव समा रहे मुझमें..., शिव शंभो...सहित कई प्रस्तुतियां दीं। वाराणसी के नरिया-सुंदरपुर स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान में काशी कोतवाल भैरव उत्सव का चौथा दिन था। शोध संस्थान का पूरा पंडाल संतों, महात्माओं, बटुकों, आम लोगों और BHU के छात्रों से खचाखच भरा था।भैरव उत्सव के चौथे दिन नरिया स्थित चौधरी लॉन में प्रवचन के दौरान डॉ. बसंत विजय महाराज ने कहा कि त्रैलोक्य में ऐसी विशिष्टता वाला दूसरा कोई स्थान है ही नहीं। कहा कि जिसमें भी आगे बढ़ने की तड़प बनी रहती है वह तृप्त नहीं होता। अपनी तड़प को जिस दिन अपने आराध्य के लिए मन में पैदा कर लोगे यह मन तुम्हें ऊंचाई की ओर ले जाएगा। 

देशभर से जुटे भक्तों से चेतावनी के लहजे में कहा कथा तो अमृत है ही लेकिन जप की महत्ता भी कम नहीं है। काशी बड़े भाग्य से मिलती है। फिर मिले न मिले...जब तक के लिए मिली है, जितनी देर के लिए मिली है। उसे पकड़ लो, जकड़ लो और समाहित कर लो अपनी तरंगों के साथ जिनका सद्प्रभाव तुम्हें जीवन पर्यंत मिलता रहेगा।