जनता का दर्द समझ नहीं आता, भाजपा को सिर्फ अपने करीबियों से नाता: पूजा यादव
- महंगाई, शिक्षा,रोजगार, महिला सुरक्षा, अच्छी सड़के साफ़ पानी और स्वच्छता हमारे अहम मुद्दे
वाराणसी (रणभेरी): पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी अब तेज नजर आ रही है। हर दल अब एक दूसरों को घेरने, आरोप-प्रत्यारोप के साथ साथ जुबानी हमले कर रही है। एक तरफ जहां भाजपा विकास का प्रचार कर रही है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष वर्तमान सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य बुनियादी सुविधाओं पर घेरने का काम कर रही है। चुनावी मैदान में उतरने से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी प्रमुख पार्टियों का झुकाव छोटे सियासी दलों की तरफ बढ़ा है। भाजपा और सपा समेत लगभग सभी दल समाजिक और क्षेत्रीय समीकरण सुधारने के लिए छोटे दलों का सहारा ले रहे हैं। छोटे दल भले ही जिले तक सीमित हों पर उनका प्रभाव काफी बड़ा है। यह दल जाति आधारित है। इनका क्षेत्र विशेष प्रभाव रहता है। उनके इस प्रभाव को भुनाने की फिराक में बड़ी सियासी पार्टियां मशक्कत कर रही हैं। चुनावी माहौल के बीच प्रबुद्ध वर्ग यानी ब्राह्मण वर्ग का वोट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। सपा-बसपा ब्राह्मणों को साधने के साथ साथ महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों पर बीजेपी को घेर रही है वहीं भी अपने साढ़े चार साल का लेखाजोखा जनता के बीच में रखकर चुनावी तैयारियों में जुटी है।
हर राजनीतिक दल जातिगत राजनीति के सहारे 2022 की चुनावी नाव को पार लगाना चाहता है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों से गठबंधन करने का निर्णय लिया है। अखिलेश ने साफ तौर पर कहा भी है कि बड़ी पार्टियों से हमारा गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इस कारण इस बार हम छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ेगें। सपा ने महान दल के साथ हांथ मिलाया है। उसका प्रभाव बरेली, बदायूं और आगरा क्षेत्र के सैनी, कुशवाहा शाक्य के बीच है। इसके अलावा जनवादी पार्टी भी सपा के साथ है। इसके अलावा सपा का आरएलडी से गठबंधन लोकसभा चुनाव से चला आ रहा है। अब सीटों को लेकर बात हो रही है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की घोषणा कर रखी हैं। ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोचरे में भारतीय वंचित पार्टी, जनता क्रांति पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी और अपना दल शामिल है।
यह पार्टियां अभी जाति विशेष में अपनी पकड़ के कारण चुनाव में असरदार साबित होती है। 2017 के विधानसभा चुनावों में, सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जिसमें से चार पर जीत हासिल की थी। एक सहयोगी के रूप में सुभासपा के साथ, सपा राजभर के वोटों को हासिल करने के लिए आशान्वित है। समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार को बेरोजगारी, महंगाई औऱ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने में जुटी हैं। अखिलेश यादव की सक्रियता और लोकप्रियता ने यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार फिर से एक नया मोड़ ला दिया है। अखिलेश यादव को जिस तरीके से युवाओं का समर्थन और साथ मिल रहा है उससे यह सुनिश्चित है कि अखिलेश आज भी युवाओं के लोकप्रिय नेता हैं। अखिलेश के कुनबे को मजबूत होता देख अन्य पार्टियों की नींदे उड़ गई है। सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दमखम दिखाने में जुट गई है। इसी क्रम में आपके अखबार "रणभेरी" ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीतियों को लेकर समाजवादी पार्टी के महिला महानगर अध्यक्ष और कैंट विधानसभा से आवेदक पूजा यादव से बात की। आईये, जानते है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की क्या तैयारी है।
- चुनावी दंगल: समाजवादी पार्टी के महिला महानगर अध्यक्ष पूजा यादव से खास बातचीत
टिप्पणी: हमारे बनारस में एक कहावत मशहूर है कि, बात से चुका हुआ इंसान और डाल से चुका बंदर किसी काम का नहीं होता। जो अपने बातों पर खरा न उतरे, उसका समाज में कोई मोल नहीं होता। काशीवासी जानते है कि इस बार किसकी सरकार बनने जा रही है।
- सवाल: आप अभी तक वाराणसी की जनता की किन-किन परेशानियों को महसूस कर रहीं है ?
जवाब: वाराणसी में पेयजल की सबसे बड़ी समस्या है। गलियों में सफाई नहीं हो रही है। जहां तहां बिजली की तारे अभी भी लटक रहीं हैं। जनता को दूषित और सीवर युक्त पानी पीना पड़ रहा है। जनता स्तब्ध है की ये कैसा विकास है जिसमें साफ पानी भी पीने को नहीं मिल रहा है। सरकार के विकास के दावों की बात करें तो वास्तव में विकास के नाम पर बस सड़को, पानी टंकियों का रंग रोधन हुआ है और चाइनीज लाइटें लगा दी गईं हैं। बस बैनर पर झूठे विकास के दावें है, वास्तव में काशी का कुछ विकास नहीं हुआ है।
- सवाल: आगामी विधानसभा को लेकर आपके क्या अहम मुद्दे हैं?
जवाब: मुद्दे तो बहुत हैं पर महंगाई, शिक्षा, रोजगार, महिला सुरक्षा, अच्छी सड़कें, साफ पानी और स्वच्छता हमारे अहम मुद्दे हैं। समाजवादी पार्टी सरकार बनने पर सबसे पहले इन बुनियादी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी।
- सवाल: भाजपा सरकार के बारे में आप क्या कहना चाहतीं हैं ?
जवाब: मैं तो भाजपा का नाम सुनते ही निःशब्द हो जाती हूं। समझ में ही नहीं आता ऐसी पार्टी आज सत्ता में क्यों और कैसे है ? इस सरकार की शासन में जनता बहुत ही तकलीफ में है। ये केवल अंबानी-अदानी, मेहुल चौकसी को अमीर से अमीर बनाने का काम करती है और किसान, बुनकर, युवा, महिलाओं के लिए कुछ नहीं करती। जनता परेशान हो चुकी है इस भाजपा सरकार से।
- सवाल: वर्तमान सरकार तो दावा करती हैं कि उन्होंने सबका साथ सबका विकास के तर्ज पर सरकार चलाईं है और विभान्न विकास कार्य किया है। आपका क्या कहना है ?
जवाब: ये तो बस एक जुमला है। भाजपा के लोग बस झूठा दावा करते हैं। ये सरकार धरातल पर कुछ विकास नहीं की है। जनता बस किसी तरह झेल रहीं हैं इनको। जनता महंगाई और बेरोजगारी झेल रहीं हैं और ये झूठे विकास के दावें करते हैं। कोरोनाकाल में जनता को बेड और दवाइयों के लिए कितनी कठिनाई उठानी पड़ी थी। बिना ऑक्सीजन लोग मर गए और ये कहते है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था। इन्होंने सत्ता में रह कर अपनी ओर अपने करीबियों के जेब भरने का काम किया है और कुछ नहीं।
- सवाल: 2017 के विधानसभा चुनाव में ऐसी क्या खामियां रह गई की आपकी पार्टी सरकार नहीं बना सकी?
जवाब: जब सपा की सरकार थी तब हमने सिर्फ काम किया, पोस्टरबाजी नहीं की। जनता की नजरों में शायद यही हमारी गलतियां रही होंगी। और भजपा सरकार जो काम नहीं करती है बस पोस्टर बाजी करती हैं। पर अब जनता सब समझ चुकी है और 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने वाली है।
- सवाल: आपको क्या लगता है कि समाजवादी पार्टी दुबारा सत्ता पर काबिज हो पाएगी, या फिर योगी सरकार ही आएगी ?
जवाब: अब भूल जाएं योगी सरकार, क्योंकि अब उत्तर प्रदेश में आएगी समाजवादी पार्टी की सरकार। जनता को मालूम हैं कि समाजवादी ही उनके आसुओं को पोंछ सकती है। एक तरफ ये भाजपा सरकार है जो सिर्फ झूठ बोल कर सत्ता चलाई है और कोई काम नहीं किया तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की सरकार में कई योजनाएं आईं थी, चाहे वो महिलाओं के लिए हो या युवाओं के लिए। तो जनता अब सब कुछ जान गई है तो इस बार समाजवादी पार्टी की ही सरकार बनने जा रही है।
- सवाल: आपको क्यों लगता है कि जनता भाजपा या कांग्रेस को छोड़ समाजवादी पार्टी को ही चुनेंगी ?
जवाब: देखिए, जनता को मालूम है कि कोरोनाकाल में किस प्रकार सपा के लोग उनके साथ खड़ी रही है। लोगों की मदद की है। बुनकर व किसान भाइयों के लिए सपा सरकार ने क्या क्या योजना लाईं थी। वर्तमान सरकार तो विफल हैं, ये केवल पोस्टरबाजी और जनता को डरा के वोट अर्जित करना चाहती है। जनता सब कुछ जान चुकी हैं और इस बार जनता इसका जवाब देगी।
- सवाल: प्रधानमंत्री जी का कहना है कि लाल टोपी वाले रेड अलर्ट है, यूपी के लिए खतरे की घंटी है, क्या यह सच है...?
जवाब: देखिए, प्रधानमंत्री जी आए दिन कुछ भी कहते ही रहते हैं, हम इन चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। हमारे मुख्यमंत्री जी कुछ न कुछ बोलते ही रहते हैं। हमे समझ नहीं आता कि इतना क्यों डर रहे है काशी के सांसद लाल टोपी से। इतना भयभीत हो गए की उन्हे मंच से कहना पड़ रहा है ये सब और लाल टोपी तो मां दुर्गा का प्रतीक है, महिला शक्ति का प्रतीक है। जनता सब जानती है। इसबार जनता इनको बताएगी कि कौन यूपी के लिए खतरा है।
- सवाल: पहले की राजनीति में विपक्षि पार्टियां खुल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते नजर आते थे पर अब विपक्ष कमजोर क्यों नजर आता है ?
जवाब: नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। हम अब भी सड़कों पर उतर कर सरकार के गलत नीतियों का विरोध करते रहते हैं। हम अब भी आंदोलन कर रहे है, मुकदमे झेल रहे है और कई मुकदमों में जेल भी जाना पड़ रहा है। मुझे तो ऐसा लगता है कि एक समय था जब मीडिया निर्भय और निष्पक्ष हो कर हर खबर रिपोर्ट करती थी, विपक्ष के सवालों को जनता के सामने रखती थी। लेकिन अब ऐसा होता ही नहीं तो जनता कैसे जानेगी कि विपक्ष जनता की लड़ाई लड़ रहा है उनकी आवाज बन कर सरकार के खिलाफ खड़ी हैं। यदि मीडिया एक पार्टी को कवर न कर के वास्तविकता दिखाएगी तब जनता को सच का पता चलेगा और जनता का भला होगा।
- सवाल: भाजपा के सामने विपक्ष कमजोर और हतास क्यों दिखाई पड़ता है ? क्या वाकई विपक्ष कमजोर है ?
जवाब: हमें तो ये बिल्कुल नहीं लगता शायद उन्हें हमारी ताकत का अंदाजा नहीं है। मुझे तो ये बात बोलने वाले कमजोर और डरे लगते हैं।
- सवाल: चुनाव करीब आते ही यूपी में लोकार्पण और शिलान्यास तेज हो गया है, आप इसको किस रूप में देख रहीं ?
जवाब: अब इन्हें इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि जनता अब सब जान और समझ चुकी है। कोरोनाकाल में जब लोग भूखे प्यासे दर दर भटक रहे थे तब उन्होंने अपना भव्य कार्यालय बनाया। क्या इसी सब के लिए जनता ने इन्हें वोट दिया था। अब जब चुनाव आ रहे है तो लोकार्पण पर लोकार्पण किए जा रहे, फिर से झूठे वादे कर रहे हैं लेकिन इस बार जनता इनके बहकावे में नहीं आयेगी और समाजवादी पार्टी पूरी बहुमत से सरकार बनाएगी ।
- सवाल: वाराणसी विधानसभा सीटों की बात करें तो 8 में से किसी एक सीट पर भी सपा नजर नहीं आती, ऐसा क्यों ?
जवाब: हम अभी सभी सीटों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। सभी वार्डों में जा कर हर एक वोटर से बात कर रहे हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी की नीतियों के बारे में बता रहे हैं। पोलिंग बूथों पर काम किया जा रहा है। लगातार जनता के बीच जाकर समाजवादी पार्टी का संदेश दे रहे हैं। हमे लगता है कि इस बार इन सीटों पर परिणाम बदलेगा और समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी।
- सवाल: एक महिला होने के नाते आपको क्या लगता है, प्रदेश में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं?
जवाब: प्रदेश में महिलाएं कहां सुरक्षित है, बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। यदि महिला सुरक्षित होती तो हाथरस में बेटी साथ अत्याचार न होता। अभी वाराणसी में भी जो हुआ, छः साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। इनका बस एक नारा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। सरकार के तरफ से महिला सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। तो अब जनता को मालूम है को आगामी चुनाव में क्या करना है।
- सवाल: रणभेरी के माध्यम से जनता के लिए आपका क्या संदेश है ?
जवाब: मैं जानता से यही कहना चाहती हूं कि इस बार आप निष्पक्ष हो कर समाजवादी पार्टी की सरकार बनाए क्योंकि इस सत्ता धारी पार्टी ने बहुत ही भयवाह माहौल बनाया है। भय बनाकर ये सत्ता पर काबिज रहना चाहते हैं, जिस से लोग परेशान हैं। मैं काशी की जनता से अपील करना चाहती हूं कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाएं। वोट करने जरूर जाएं और सही चुनाव करें।