महाशिवरात्रि पर भोले की नगरी में महाकुंभ

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महाशिवरात्रि महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए लाखों श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। वीकएंड पर पहुंचे 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का अगले 48 घंटे का ठिकाना काशी है और इन 48 घंटे में 20-25 लाख नए श्रद्धालुओं के काशी आने के आसार हैं। मंदिर प्रशासन ने संभावित भीड़ को लेकर तैयारियां कर ली हैं। मंदिर के लिए लगने वाली कतारों में भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। मंगला आरती शुरू होने के साथ ही हजारों लोग कतार में खड़े हो गए। मंदिर के पट जब खुले तो एक लाख से ज्यादा लोग रेलिंग और जिगजैग में आ चुके थे। वहीं गोदौलिया और चौक चौराहे पर हजारों लोगों की मौजूदगी से भीड़ बनी हुई है।
उधर, सोमवार सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट खोले गए। पुजारियों ने विधि-विधान से बाबा का अभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। जिला प्रशासन की सख्ती के बाद गंगा आरती को 26 फरवरी तक रोक दिया गया है। शाम 6 बजे के बाद गंगा में नावें नहीं चलाने का निर्देश है। सोमवार सुबह से ही बाबा विश्वनाथ मंदिर के सभी रूट पर लगभग 3 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। बाबा के दर्शन में 6-6 घंटे का समय लग रहा है। रविवार को कतार में लगने और भीड़ के बीच कई श्रद्धालुओं की तबीयत भी खराब होती नजर आई। गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट द्वार तक पहुंचने में लोगों को 3-4 घंटे का समय लग रहा है। मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए सिर्फ 1-2 सेकेंड का समय दिया जा रहा है। महाशिवरात्रि के पहले सोमवार को दर्शन की भीड़ बस, ट्रेन, विमान और निजी वाहनों से पहुंची है। मेला विशेष ट्रेनों से भी देशभर से भक्तों की भारी भीड़ आई है। बसों और निजी वाहनों से भी भारी संख्या में लोग काशी आ रहे हैं। शहर आने वाले रास्तों पर जाम के हालात हैं। जगह-जगह वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सब जगह एक जैसे नजारे हैं।
बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर के सभी 4 गेट से श्रद्धालुओं को इंट्री दी जा रही है। अनुमान है कि मंदिर, घाट और शहर के अंदर करीब 8 से 10 लाख लोग हैं। वहीं 10 लाख लोग शनिवार और रविवार को पहुंचे थे अब सोमवार की भीड़ भी बड़ा टॉस्क है। यूपी के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत 10 राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेध घाट तक हर तरफ सिर्फ भक्तों की भीड़ नजर आ रही है।
होटल-पार्किंग फुल, बाहर ही पार्क हो रहे वाहन
वाराणसी में होटल-पार्किंग फुल हैं। बॉर्डर पर ही वाहनों को रोका जा रहा है। बस और टैंपो ट्रैवलर जैसे बड़े वाहनों को शहर की सीमा पर बनाए गए पार्किंग स्थलों पर रोका जा रहा है। वहां से श्रद्धालु आॅटो, ई-रिक्शा और ई- बस से शहर के अंदर आ रहे हैं। गोदौलिया से चौक मैदागिन तक लंबी लाइन कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की है। ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जा रही है।
छोटे वाहनों को भी शहर के बाहर रोका जा रहा
एडीसीपी ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि छोटे चार पहिया वाहनों को शहर के अंदर बनाए गए पार्किंग स्थल तक आने दिया जा रहा है। शहर के अंदर के पार्किंग स्थल फुल होने पर छोटे 4 पहिया वाहनों को भी शहर की सीमा पर बनाए गए पार्किंग स्थल पर रोका जा रहा है। पार्किंग में 25 से 30 हजार गाड़ियां खड़ी हैं। शहर के अंदर की सभी पार्किंग फुल हैं अब वाहन दूर लगवाने पड़ रहे हैं
बसों से श्रद्धालुओं को लाने की जिम्मेदारी
माकंर्डेय महादेव कैथी और रोहनिया के शूलटंकेश्वर के लिए अतिरिक्त ई-बसों का संचालन किया जाएगा। 10 से 12 फेरों में ई-बसें चलाई जाएंगी, इसके अलावा सिटी की डीजल बसें भी लगाई गई हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ और कालभैरव रूट पर ई-बसों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। चौबेपुर कैथी के माकंर्डेय महादेव मंदिर और रोहनिया के शूलटंकेश्वर समेत अन्य शिवालय रूट पर अतिरिक्त ई-बसें लगाई जाएंगी।
बाहरी गाड़ियों पर नहीं लग रहा -लगाम, लग रहा जाम
रोक के बावजूद बाहरी गाड़ियों के शहर में पहुंचने से रविवार को छुट्टी के दिन भी शहर की सड़कों पर जाम रहा। इसमें फंसे लोगों देर तक परेशान होते रहे। एंबुलेंस के जाम में फंसने से इलाज के इंतजार में मरीज भी परेशान होते रहे। शहर की सीमा की स्थिति वाहनों की लंबी कतार रही। प्रयागराज महाकुंभ से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। इनमें से ज्यादातर अपने वाहनों से सवार होकर आ रहे हैं। इन वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रह है लेकिन दूसरे रास्तों से कई वाहन शहर में दाखिल हो जा रहे हैं। इन वाहनों के लिए भी जगह-जगह बैरिकेडिंग व पार्किंग की गई है लेकिन श्रद्धालुओं के जन ज्वार की वजह से यह व्यवस्था नाकाफी साबित रही। रविवार को बड़ी संख्या में बाहरी वाहन शहर के अंदर दाखिल हो गए। रविंद्रपुरी, कमच्छा, रेवड़ी तालाब, सिगरा, महमूरगंज समेत कई सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में बाहरी वाहन खड़े हैं। इसकी वजह से भेलूपुर, लंका, रविंद्रपुरी, रथयात्रा, सिगरा, लक्सा, गुरुवाग कमच्छा समेत अन्य इलाकों में सुबह से लेकर रात तक जाम रहा।