वाराणसी में 30 अप्रैल को यज्ञोपवीत संस्कार का महाआयोजन, 251 ब्राह्मण बटुक होंगे शामिल

वाराणसी में 30 अप्रैल को यज्ञोपवीत संस्कार का महाआयोजन, 251 ब्राह्मण बटुक होंगे शामिल

दुर्गाकुंड स्थित मणि मंदिर धर्म संघ की पहल, संस्कृति संरक्षण पर जोर ||

हिंदू सनातन संस्कृति की जड़ों से जुड़ने और समाज को संस्कारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है : राम प्रकाश दुबे 

वाराणसी (रणभेर):  दुर्गाकुंड स्थित मणि मंदिर धर्म संघ के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में 30 अप्रैल 2025 को यज्ञोपवीत संस्कार के महाआयोजन की घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार के कोऑपरेटिव एसोसिएशन के अध्यक्ष राम प्रकाश दुबे ने की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हिंदू सनातन संस्कृति की जड़ों से जुड़ने और समाज को संस्कारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राम प्रकाश दुबे ने कहा की आज के भौतिकवादी युग में लोग संस्कारों को समय पर पूरा नहीं कर पाते। यज्ञोपवीत जैसे अनिवार्य संस्कार भी विलंब से हो रहे हैं, जिससे सांस्कृतिक विरासत कमजोर हो रही है इसी समस्या के समाधान के लिए हमने 250 से अधिक ब्राह्मण बटुकों के यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाएगा जिसमें देशभर के युवाओं को शामिल होने का अनुमान है।
संस्था की ओर से सभी प्रतिभागियों के लिए निशुल्क व्यवस्था की गई है जिसमें यज्ञोपवीत संस्कार की पूर्ण वैदिक रीति से ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराने की व्यवस्था की गई है। यज्ञोपवीत संस्कार हेतु सभी प्रकार के पूजन सामग्री का प्रबंध संस्था करेगी। बटुक के माता-पिता अपने संबंधियों के साथ संस्कार में शामिल हो सकते हैं। उनके भोजन पानी का प्रबंध भी  होगा। सिर्फ बच्चों के माता-पिता को दो दिन पहले अपने आने की सूचना संस्था को देने होंगे जिससे उनके लिए उचित प्रबंध ससमय किया जा सके। इस यज्ञोपवीत संस्कार में मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड के साथ-साथ नेपाल से भी बड़ी संख्या में बटुकों के शामिल होने की उम्मीद है।

संस्था से अबतक बड़ी संख्या में अभिभावकों ने संपर्क कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि हम फिर से एक बार यह बताना चाहते हैं कि यह कार्यक्रम पूर्णतः निःशुल्क आयोजन किया जाएगा। बटुकों के लिए पूजन सामग्री, जनेऊ, वस्त्र और अनुष्ठान संबंधी सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह आयोजन केवल एक संस्कार नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का संकल्प भी है हम सभी से इस पुनीत कार्य में सहयोग की अपेक्षा करते हैं। अपील किया कि  30 अप्रैल को सुबह 7:00 बजे धर्म संघ भवन में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को लाकर उनका उपनयन संस्कार कराएं।