अराजकता की भेंट चढ़ा बाबा का गौना
वाराणसी(रणभेरी)। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ माता गौरा का गौना कराके धाम लौट आये है। बाबा दरबार में बुधवार को भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। भीड़ नियंत्रण करने में पुलिस जवानों के पसीने छूट गये। वही बढ़ता भीड़ देख जवानों ने भक्तों संग जमकर दुर्व्यवहार किया। वही उनके ऊपर हाथ भी छोड़े गये। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और विभाग कि जमकर किरकिरी हुई। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि गूंज उठी रणभेरी नहीं करता है।
पत्रकार संग धक्का-मुक्की, माइक छिना
डीजीपी से लगायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक आमजन से कुशल व्यवहार करने का निर्देश देते हो मगर उनके आदेश को वाराणसी के अतिमहत्त्वपूर्ण स्थान पर तैनात एडिशनल डीसीपी वीरेंद्र कुमार पर यह आदेश लागू नहीं होता। भीड़ प्रबंधन कर पाने में नाकाम होने पर एडिशनल डीसीपी सुरक्षा वीरेंद्र कुमार ने काशी के वरिष्ठ पत्रकारों पर ही खीज उतार दी। उन्होंने रिपोर्टर पंकज चतुर्वेदी और हिमांशु अस्थाना के साथ ढुंढिराज गणेश मंदिर के पास न केवल मोबाइल, माइक, आईडी छीना बल्कि हाथ तक लगाने की बातें सामने आई। वायरल वीडियो पत्रकार ने जो बताया साफ उससे साफ़ देखा गया कि, किस तरह रंगभरी एकादशी पर श्रद्धालुओं के साथ बत्तमीजी की गई।
सीपी का फ़रमान बेअसर
कमिश्नरेट और प्रशासन के आला अफसरों द्वारा बार-बार यह हिदायत कि सुरक्षा व्यवस्था की आड़ में या भीड़ का दबाव बढ़ने पर किसी के साथ भी दुर्व्यवहार की शिकायत न आए बाबजूद इसके पीपीएस स्तर के अफसर मानने को तैयार नहीं है। मजेदार बात तो यह है कि विश्वविख्यात रंगभरी एकादशी यानी बुधवार के ठीक एक दिन पहले आला अफसरों द्वारा हिदायत दी गई थी। घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने तत्काल पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। खुद पुलिस आयुक्त ने भी इसे गलत बताते हुए कार्रवाई के साथ शासन को पत्र लिखे जाने की बात कही है। इस पूरे मामले में डीसीपी ज्ञानवापी को जांच के निर्देश दिए हैं।
खुद पत्रकार पंकज चतुर्वेदी ने पूरी घटना बताई है।