किडनी रोगियों की संख्या दो साल में दोगुनी
वाराणसी(रणभेरी)। बदलती दिनचर्या और खानपान से बनारस सहित आसपास के जिलों में गुर्दा (किडनी) रोगियों की संख्या दो साल में दोगुनी हुई है। लेकिन उपचार की सुविधाएं नहीं बढ़ीं। बीएचयू अस्पताल के आंकड़े देखें तो 2021 में यहां 8563 मरीज पंजीकृत थे। 2023 में संख्या 17523 हो गई। वहीं डायलसिस कराने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। बीएचयू व जिला अस्पताल में 2021 में 25511 मरीजों का डायलिसिस हुआ था, जबकि 2023 में यह संख्या 40290 हो गई। बीएचयू में इस समय वेटिंग 230 चल रहा है। जिले में डायलिसिस के कुल 51 बेड है। बीएचयू 25, मंडलीय अस्पताल दो और जिला अस्पताल में 24 बेड। तीन साल में जहां 36 रोगी बढ़े लेकिन जिला अस्पताल में सिर्फ दस बेड बढ़े हैं। जिला अस्पताल के डायलिसिय यूनिट के सेंटर इंचार्ज निरिपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि अभी रोज 75 मरीजों का डायलिसस हो रहा है।
अभी तक शुरू नहीं हो पाया किडनी ट्रांसप्लांट
बीएचयू के नेफ्रोलॉजी विभाग में एक साल पहले किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लाइसेंस मिल गया है लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। मानव संसाधान इसमें बड़ा रोड़ा बना रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों तैयार किए जा रहे हैं। दो से तीन महीने में इसे शुरू कर दिया जाएगा।
डॉक्टरों के आठ में सात पद खाली
बीएचयू के नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों के आठ में सात पद खाली है। प्रो. शिवेंद्र सिंह मरीजों को परामर्श देते हैं। वह सप्ताह में चार दिन ओपीडी करते हैं। वार्ड से लेकर डायलिसिस तक की जिम्मेदारी निभाते हैं। हर रोज दो सौ से ढ़ाई सौ ओपीडी होती है। ऐसे में मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। मंडलीय और जिला अस्पताल में कोई नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं है। जिसके कारण बीएचयू पर दबाव अधिक है।